इसरो ने लॉन्च किया NISAR, डुअल बैंड रडार वाला दुनिया का पहला सैटेलाइट, जानें क्या है इसमें खास?

भारतीय और अमेरिकी की स्पेस एजेंसी ISRO और NASA के साझा सैटेलाइट NISAR को बुधवार को लॉन्च कर दिया गया. इसकी लॉन्चिंग इसरो के GSLV-F16 रॉकेट से की गई. यह दुनिया का सबसे एडवांस्ड अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है. इसमें डुअल बैंड रडार का इस्तेमाल किया गया है.

लॉन्चपैड पर निसार Image Credit: X/ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को शाम 5:40 बजे GSLV-F16 रॉकेट से NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. यह दुनिया का पहला सैटेलाइट है, जिसमें डुअल-बैंड रडार (L-band और S-band) तकनीक का उपयोग किया गया है. इस प्रोजेक्ट पर भारत और अमेरिका ने करीब एक दशक पहले साथ काम करना शुरू किया था. इस सैटेलाइट का इस्तेमाल दोनों देश करेंगे. इस तरह भारत और अमेरिका दोनों ही देश इस तरह का सैटेलाइट रखने वाले देश बन गए हैं. दुनिया में किसी और देश के पास इस तरह की क्षमता वाला सैटेलाइट नहीं है. इसरो ने इस सैटेलाइट को लॉन्च करने के बाद इसके अंतरिक्ष में निर्धारित ऑर्बिट में पहुंचने की पुष्टि की है.

क्या है निसार?

NISAR एक अत्याधुनिक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जो हर 12 दिनों में पूरी पृथ्वी को स्कैन करेगा और 242 किमी स्वाथ के साथ सेंटीमीटर-लेवल प्रेसीजन की हाई-रिजॉल्यूशन इमेजरी मुहैया कराएगा. यह NASA और ISRO का पहला संयुक्त अर्थ ऑब्जर्वेशन मिशन है. इसके अलावा यह दुनिया का पहला सैटेलाइट है, जिसमें NASA के L-band और ISRO के S-band रडार का एक साथ उपयोग किया गया है. यह पहली बार SweepSAR तकनीक का उपयोग कर रहा है, जिससे बड़े क्षेत्र की बेहतर इमेजिंग संभव होगी.

क्या काम करेगा निसार?

नासा और इसरो की तरफ से दी गई मिशन डिटेल्स के मुताबिक यह सैटेलाइट ग्लेशियर पिघलने, समुद्री तटों में बदलाव और जंगल की कटाई जैसी गतिविधियों की निगरानी करेगा. इसकी मदद से भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और मिट्टी धंसने जैसी आपदाओं की समय रहते जानकारी मिल पाएगी. इससे मिले डाटा का इस्तेमाल खेती-किसानी से लेकर जलवायु बदलाव से निपटने के लिए होने वाले रिसर्च में किया जाएगा.

क्यों खास है निसार?

NISAR अर्थ ऑब्जर्वेशन के लिहाज से दुनिया का सबसे एडवांस्ड सैटेलाइट है. यह पृथ्वी के उन हिस्सों की भी मॉनिटरिंग कर पाएगा, जिन्हें पहले दूसरे सैटेलाइट्स से ऑब्जर्व नहीं किया जा सकता था. इस सैटेलाइट से मिला डाटा वैज्ञानिकों को शोध और अध्ययन के लिए नया नजरिया देगा. NISAR खासतौर पर प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी और जलवायु परिवर्तन को रोकने की योजनाएं बनाने में गेम-चेंजर साबित होगा.