जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से 38 लोगों की मौत, रेस्क्यू जारी; अब तक 120 लोगों को बचाया गया
Cloudburst in Kishtwar: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मचैल माता मंदिर के पास चशोती में हुई इस घटना से 'काफी जनहानि हो सकती है'. प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल पर भेज दिए गए हैं. गांवों में पानी भरने की आशंका को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
Cloudburst in Kishtwar: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को भीषण बादल फटने से अब तक 38 लोगों के मारे जाने की खबर है. बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और बड़े पैमाने पर राहत अभियान चल रहा है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मचैल माता मंदिर के पास चशोती में हुई इस घटना से ‘काफी जनहानि हो सकती है’. प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल पर भेज दिए.
मृतकों में दो CISF के जवान भी शामिल
पीटीआई-भाषा के अनुसार, किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव में बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवानों समेत कम से कम 38 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई अन्य के अब भी फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है और अब तक 120 लोगों को बचा लिया गया है जिनमें 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के दो जवान भी शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं.
कब आई आपदा?
अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई. हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. साढ़े 9 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है.
चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे अधिक प्रभावित हुआ. बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं.
तेजी से बढ़ा जलस्तर
बादल फटने के बाद इलाके की नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं. एक न्यूज एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि गुरुवार को मचैल माता यात्रा के रास्ते में एक सुदूर गांव में बादल फटने से कई लोगों की मौत हुई है.
बादल फटने से मंदिर के रास्ते में पड़ने वाला आखिरी मोटरेबल गांव चसोती प्रभावित हुआ है. इस हादसे के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा रोक दी गई है. कई गांवों में पानी भरने की आशंका को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
जहां पार्किंग, वहीं फटा बादल
जिस इलाके में बादल फटा, वहां पार्किंग थी. इस जगह पर मचैल जाने वालों के ल्ए लंगर की व्यवस्था की जाती थी. माता के दर्शन करने जाने वालों के लिए यह आखिरी पड़ाव है. यहां से आगे गाड़ी यानी कार नहीं जाती है. लोग अपनी गाड़ी यहीं पार्क करते हैं.
मनोज सिन्हा ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वे बादल फटने की घटना से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना. उन्होंने सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को और तेज करने और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.