भारत ने ठुकराया अमेरिकी F35 फाइटर जेट, ट्रंप को उल्टा पड़ा टैरिफ वाला दांव, रूस से SU 57 पर डील संभव : रिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और रूस के साथ कारोबार पर कथित पेनल्टी लगlने का दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है. क्योंकि, भारत ने रूस से कारोबार कम करने की जगह और बढ़ाने का संकेत दिया है. इसके साथ ही अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट F35 के सौदे को भी खारिज कर दिया है.
India Retaliation on Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25% टैरिफ और रूस के साथ कारोबार पर कथित पेनल्टी लगाने का एलान किया. भारत ने इस मामले में जवाब देते हुए अमेरिका के साथ नए रक्षा सौदों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार अब अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की खरीद को आगे नहीं बढ़ाएगी और इसके बजाय ‘मेक इन इंडिया’ के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर देगी. यहां तक कि रूस के साथ SU 57E पर भी सौदा किया जा सकता है.
ट्रंप को लेकर भारत का रुख सख्त
1 अगस्त से लागू होने वाले ट्रंप के टैरिफ प्लान को अमेरिका ने फिलहाल 7 अगस्त तक टाल दिया है. वहीं, भारत ने इस मामले में ट्रंप के रुख पर अपना रुख कड़ा कर लिया है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को संसद में कहा, “हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि राष्ट्रीय हित सुरक्षित रहे.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “सरकार फिलहाल रीटेलिएटरी कदम नहीं उठा रहा है, लेकिन व्यापार विकल्पों की समीक्षा की जा रही है.
भारत व्यापार संतुलन को तैयार
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत वैकल्पिक कारोबार के जरिये अमेरिका के साथ व्यापार में भुगतान संतुलन लाने को तैयार है. इसके लिए भारत की तरफ से अमेरिक से प्राकृतिक गैस, कम्युनिकेशन इक्विपमेंट्स और सोने के आयात को बढ़ाया जा सकता है. लेकिन, भारत अपने कृषि और डेयरी क्षेत्र को अमेरिका के लिए खोलने को तैयार नहीं है. इसके अलावा अमेरिका के साथ नए रक्षा सौदों से भी दूरी बना सकता है.
भारत ने ठुकराया F-35 का ऑफर
रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी में जब पीएम मोदी वॉशिंगटन यात्रा पर गए थे, तो उस दौरान ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से F-35A जेट्स की बिक्री का दबाव डाला था. लेकिन, अब भारत ने उचित माध्यमों के जरिये अमेरिका को यह संदेश पहुंचा दिया है कि भारत की अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद में दिलचस्पी नहीं है. भारत हथियारों के साझा विकास और साझा निर्माण के मॉडल को प्राथमिकता दे रहा है. ब्लूमबर्ग का कहना है इस लिहाज से “निकट भविष्य में अमेरिका के साथ भारत का कोई बड़ा रक्षा सौदा संभव नहीं दिखता है.”
ट्रंप के हमले ने बिगाड़ी बात
ट्रंप की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर भारत के टैरिफ और रूस के साथ भारत के संबंधों की आलोचना की गई. इसके बाद ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ट्रेड और ऑयल डील का ऐलान करते हुए कहा, ‘शायद एक दिन भारत पाकिस्तान से तेल खरीदे’ इस तरह ट्रंप की तरफ से लगातार भारत को निशाना बनाने की वजह से भारत ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया है.
अमेरिकी दबाव और धीमी बातचीत
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक टीवी साझात्कार में कहा कि भारत की धीमी बातचीत ने अमेरिकी टीम को निराश किया है. इसके साथ ही उन्होंने भारत के रूस के साथ करीबी संबंधों पर भी सवाल उठाए. लेकिन, भारत ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी दबाव में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ट्रेड डील हो या टैरिफ डील, भारत राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर करेगा. इसके साथ ही भारत ने साफ किया है कि अमेरिका के साथ बातचीत के लिए सभी कूटनीतिक चैनल अभी खुले हैं. यहां तक कि भारत अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है. लिहाजा, इस दौरान भी बात की जा सकती है.
रूस के साथ डील संभव
चीन और पाकिस्तान तेजी से 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट बना रहे हैं. ऐसे में भारत फौरी तौर पर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए SU-57 फाइटर जेट खरीद सकता है. यहां तक की रूस की तरफ से भारत को इन जेट्स के साझा प्रोडक्शन का प्रस्ताव भी दिया गया है. इसके अलावा इनका निर्माण भारत में ही किया जा सकता है. ऐसे में भारत अपनी जरूरत पूरी करने और अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए रूसी फाइटर जेट्स का सौदा भी कर सकता है.