आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं मिलेगा वेतन बढ़ोतरी का तोहफा, सरकार ने किया ऐलान
वे बच्चों को कुपोषण से बचाने की लड़ाई में सबसे आगे हैं. गांव-गांव में पोषण और शिक्षा की नींव रखने वाली इन महिलाओं के लिए एक सवाल फिर खड़ा हुआ है. क्या सरकार अब भी इनकी मेहनत को पूरा सम्मान दे रही है? जानिए हालिया संसद में क्या जवाब मिला.
देश की लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बीच ये चर्चा लंबे वक्त से चल रही थी की सरकार उनके मानदेय में बढ़ोतरी करेगी. हालांकि केंद्र सरकार ने एक ऐलान के साथ इसपर अपनी स्थिती साफ कर दी है. सरकार ने बताया है कि फिलहाल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. ये वही महिलाएं हैं जो पोषण, बाल विकास और महिला कल्याण से जुड़ी सरकार की सबसे अहम योजना POSHAN (पोषण) अभियान का जमीनी स्तर पर संचालन करती हैं.
सरकार ने क्या कहा?
शुक्रवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में महिला और बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ‘स्वैच्छिक आधार पर सेवा देने वाली मानद कार्यकर्ता’ हैं. वे अपने समुदाय में बच्चों की देखभाल और विकास से जुड़ी सेवाएं देती हैं. मंत्री ने साफ किया कि फिलहाल उनके मानदेय में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है.
आखिरी बार 2018 में बढ़ा था मानदेय
सरकार ने जानकारी दी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय आखिरी बार 1 अक्टूबर 2018 को संशोधित किया गया था. तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. वर्तमान में:
- नियमित आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹4,500 प्रति माह
- मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में काम कर रहीं कार्यकर्ताओं को ₹3,500 प्रति माह
- आंगनवाड़ी सहायिकाओं को ₹2,250 प्रति माह
- प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन के तौर पर कार्यकर्ताओं को ₹500 और सहायिकाओं को ₹250 दिए जाते हैं.
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POSHAN योजना के तहत काम करने वाली ये कार्यकर्ता बच्चों के पोषण, टीकाकरण, शिक्षा, और स्वास्थ्य से जुड़ी अहम जिम्मेदारियां निभाती हैं. इसके बावजूद वर्षों से उनका मानदेय न बढ़ना एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लंबे समय से अपने मानदेय में वृद्धि की मांग कर रही हैं. लेकिन सरकार के इस जवाब से उनकी उम्मीदों को फिलहाल झटका लगा है.