अमेरिका के साथ अभी टूटी नहीं डोर, ट्रेड पर सरकार की बातचीत जारी, अब तक हो चुकी है 5 राउंड की वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल होने और चीन-रूस नेताओं से मुलाकात के बाद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की संभावनाएं बढ़ गई हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. अभी पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के कारण छठे दौर की बैठक स्थगित है. दोनों देशों के रिश्ते फिलहाल कुछ नाजुक हालात से गुजर रहे हैं.

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India-USA BTA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने एवं राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात ने ना केवल इन तीन देशों के बीच सहयोग के संकेत दिये हैं, बल्कि इसके बाद अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिला है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के साथ बीटीए को लेकर बातचीत कर रहे हैं.” इसके अलावा, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं.

5 दौर की हो चुकी है वार्ता

भारत और अमेरिका मार्च से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है. 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद अमेरिकी दल ने अगले दौर की वार्ता के लिए भारत का अपना दौरा स्थगित कर दिया है जो 25 अगस्त से शुरू होने वाली थी. अभी तक छठे दौर की वार्ता के लिए काई तारीख तय नहीं की गई है.

भारत के साथ अच्छे संबंध क्यों चाहता है USA

भारत और अमेरिका के संबंध पिछले दो दशकों में अब तक के सबसे नाजुक दौर से गुजर रहे हैं, विशेष रूप से तब जब डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभाला. 27 अगस्त से अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया है, साथ ही रूस से तेल की खरीद के कारण 25 फीसदी जुर्माना भी लगाया गया है. इस टैरिफ ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी गर्मजोशी भरी मुलाकात ने वैश्विक स्तर पर नए सामरिक समीकरणों का संकेत दिया है. यदि ये तीन देश सहयोग करते हैं, तो यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव के लिए एक चुनौती बन सकता है. इसी कारण अमेरिका भी भारत के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास जारी रख रहा है.

ट्रंप के टैरिफ गुरु ने क्या कहा?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच घनिष्ठता को चिंताजनक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रूस के बजाय अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के साथ खड़ा होना चाहिए. मोदी, शी और पुतिन के बीच एकजुटता के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर नवारो ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह चिंताजनक है, बहुत चिंताजनक है.उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी का दो सबसे बड़े तानाशाहों, पुतिन और शी चिनफिंग, के साथ देखा जाना बेहद शर्म की बात है. इसका कोई मतलब नहीं है.

रूस से तेल खरीदना बंद करे भारत: नवारो

नवारो ने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री मोदी के मन में क्या है, खासकर तब जब भारत पिछले कई दशकों से चीन के साथ कभी शीत युद्ध तो कभी सीधे संघर्ष की स्थिति में रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय नेता यह समझेंगे कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे, यूरोप और यूक्रेन के साथ होना चाहिए, और उन्हें रूस से तेल खरीदना भी बंद करना चाहिए.’’ नवारो ने कहा, ‘‘यूक्रेन में शांति लाने में कहीं ना कहीं नई दिल्ली की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी का बेहद सम्मान करता हूं और भारतीय लोगों से बेहद लगाव रखता हूं.’

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