Rupee vs Dollar: लगातार तीसरे दिन कमजोर हुआ रुपया, 88.15 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार तीसरे कमजोर होकर बंद हुआ. रुपया लगातार कई ग्लोबल कारणें से दबाव में है. खासतौर पर भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील नहीं होने की वजह से डॉलर के मुकाबले रुपये की डिमांड पर प्रेशर देखने को मिल रहा है.

रुपया Image Credit: FreePik

भारतीय रुपया मंगलवार को लगातार तीसरे दिन कमजोरी के रुख के साथ बंद हुआ. दिन के आखिर में डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे कमजोर होकर 88.15 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ. फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जारी असमंजस की स्थिति ने रुपये पर दबाव बढ़ाया हुआ है. फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, रुपये पर दबाव बढ़ाने वाले फैक्टर्स में FII का आउटफ्लो बढ़ना भी है.

कैसा रहा इंट्रा डे कारोबार?

रुपया मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में कमजोर शुरुआत करते हुए 88.14 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 88.20 तक फिसल गया, हालांकि कुछ रिकवरी देखने को मिली. अंत में रुपया 88.15 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर 88.10 से 5 पैसे कमजोर रहा, यानी दिनभर कारोबार की रेंज 88.14 से 88.20 के बीच रही. वहीं, घरेलू शेयर बाजार में भी कमजोरी रही. सेंसेक्स 206.61 अंक टूटकर 80,157.88 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 45.45 अंक गिरकर 24,579.60 पर आ गया. एफआईआई ने मंगलवार को 1,159.48 करोड़ रुपये की बिकवाली की.

क्या है एक्सपर्ट की राय?

HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का कहना है कि रुपये की इंट्रा-डे रिकवरी टिक नहीं पाई. जोखिम से बचाव की धारणा और आयातित कमोडिटी की बढ़ती कीमतों ने रुपये को कमजोर किया. इसके अलावा आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ी है, साथ ही फॉरेन फंड्स का आउटफ्लो भी बढ़ा है, जिससे रुपये में व्यापक कमजोरी आई है.

डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल में तेजी

डॉलर इंडेक्स 0.63% चढ़कर 98.38 पर पहुंच गया, जिससे ग्रीनबैक मजबूत हुआ. वहीं, ब्रेंट क्रूड 1.80% उछलकर 69.38 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था, जो रुपये के लिए नेगेटिव संकेत है.

क्या है आगे का अनुमान?

मिराए एसेट शेयरखान के करंसी और कमोडिटीज एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक आगे भी रुपये में हल्की कमजोरी का रुख जारी रह सकता है. टैरिफ को लेकर असमंजस, कमजोर इक्विटी बाजार, FII आउटफ्लो और कच्चे तेल की कीमतें रुपये को दबाव में रखेंगी. रुपया-डॉलर कारोबार आगे कुछ दिनों तक रुपये 87.80 से 88.50 प्रति डॉलर की रेंज में रह सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ट्रेडर्स अमेरिकी ISM मैन्युफैक्चरिंग PMI और नॉन-फार्म पेरोल डाटा को भी देख रहे हैं. इसके आधार पर आगे का रुख तय करेंगे.