ब्रिटेन को भारत की दो टूक, अगर लगाया कार्बन टैक्स तो देंगे उसी तरह जवाब: पीयूष गोयल
भारत ने यूरोपीय यूनियन के कार्बन टैक्स प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कुछ शर्तों के साथ जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया. इस बीच, भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापार समझौता हुआ है, जिससे कुछ उत्पादों पर शुल्क में बदलाव हो सकता है.

India retaliate on CABM: भारत ने यूरोपीय यूनियन (EU) द्वारा प्रस्तावित कार्बन टैक्स (Carbon Border Adjustment Mechanism) के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर यह टैक्स भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंचाता है, तो देश के पास जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है. EU का यह कदम स्टील, सीमेंट और एल्युमिनियम जैसे उत्पादों पर लगेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों को चुनौती मिल सकती है.
2027 से लग सकता है CABM
ब्रिटेन सरकार ने दिसंबर 2023 में ऐलान किया था कि साल 2027 से कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) को लागू किया जाएगा. ET के अनुसार पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि “फिलहाल, कोई सीबीएएम नहीं है, हम आज एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र हैं. इसलिए, यदि कोई हमारे निर्यात को नुकसान पहुंचाता है, तो हम उस पर प्रतिक्रिया देंगे और जवाबी कार्रवाई करेंगे या यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि हमारे हितों को नुकसान ना पहुंचे.”
यह भी पढ़ें: भारत-ब्रिटेन के बीच हुई ऐतिहासिक ट्रेड डील, व्यापार में हर साल 34 अरब डॉलर की होगी बढ़ोतरी; 3 फीसदी होगा औसत टैरिफ
India-UK ने CETA साइन किया
24 जुलाई, 2025 को भारत और ब्रिटेन ने कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (Comprehensive Economic and Trade Agreement) साइन किया है. इस एग्रीमेंट के बाद ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क यानी टैरिफ कम होगा और बाइलेट्रल ट्रेड में प्रतिवर्ष लगभग 34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इस समझौते पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए.
3 फीसदी होगा औसत टैरिफ
ब्रिटेन ने कहा कि इस समझौते से भारतीय उपभोक्ताओं को ब्रिटिश उत्पादों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कारों और मेडिकल उपकरणों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, क्योंकि इस समझौते के लागू होने के बाद औसत शुल्क 15 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह जाएगा. ब्रिटेन पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड का सामान आयात करता है, लेकिन भारतीय उत्पादों पर शुल्क में ढील से ब्रिटिश उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए भारतीय सामान खरीदना आसान और सस्ता होगा. इससे भारतीय व्यवसायों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.
यह भी पढ़ें: India-UK FTA: कार्बन टैक्स के मामले में चूक गया भारत, निर्यात पर बना रहेगा संकट : GTRI रिपोर्ट
Latest Stories

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़, अफरातफरी में 6 श्रद्धालुओं की मौत 35 घायल

Asia Cup 2025 का हुआ ऐलान, 14 सितंबर को होगा भारत-पाक के बीच महामुकाबला, जानें पूरा शेड्यूल

हरियाली तीज पर सुनीता केजरीवाल का भाजपा पर हमला, कहा- महिलाओं से किया वादा अब तक अधूरा
