भारत-ब्रिटेन के बीच हुई ऐतिहासिक ट्रेड डील, व्यापार में हर साल 34 अरब डॉलर की होगी बढ़ोतरी; 3 फीसदी होगा औसत टैरिफ

भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हर साल 34 अरब डॉलर तक व्यापार बढ़ने की उम्मीद है. इस समझौते से भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगभग शून्य होगा. इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और SME सहित कई सेक्टर को लाभ मिलेगा. कपड़ा, फार्मा, इंजीनियरिंग और IT सेवा क्षेत्र को UK में नई पहुंच मिलेगी, जबकि ब्रिटेन को भारत में व्हिस्की और ऑटोमोबाइल जैसे उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा.

भारत और यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट डील Image Credit: money9live.com

India-UK trade deal: भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. इस एग्रीमेंट के बाद ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और अन्य वस्तुओं पर शुल्क कम होगा तथा द्विपक्षीय व्यापार में प्रतिवर्ष लगभग 34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इस समझौते पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए.

तीन साल तक चली बातचीत

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह FTA 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को टैरिफ-मुक्त करेगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए व्हिस्की, कारों तथा अन्य उत्पादों को भारत में निर्यात करना आसान बनाएगा. साथ ही, यह द्विपक्षीय व्यापार को व्यापक रूप से बढ़ावा देगा.

तीन साल तक चली बातचीत के बाद तैयार हुए इस समझौते से भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन में व्यापक बाजार पहुंच मिलेगी. भारत को लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों (उत्पाद श्रेणियों) पर शुल्क समाप्त होने से लाभ होगा, जो व्यापार मूल्य का लगभग 100 प्रतिशत है.

3 फीसदी होगा औसत टैरिफ

ब्रिटेन ने कहा कि इस समझौते से भारतीय उपभोक्ताओं को ब्रिटिश उत्पादों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कारों और मेडिकल उपकरणों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, क्योंकि FTA लागू होने के बाद औसत शुल्क 15 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत रह जाएगा.

ब्रिटेन पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड का सामान आयात करता है, लेकिन भारतीय उत्पादों पर शुल्क में ढील से ब्रिटिश उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए भारतीय सामान खरीदना आसान और सस्ता होगा. इससे भारतीय व्यवसायों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.

दोनों देशों के आर्थिक संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश जिस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, वह केवल वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मजबूत रास्ता खोलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ रहा है.

वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि भारत के साथ हमारा यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है. उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा.

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बिजनेस और अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

इस समझौते से भारतीय कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान और IT सर्विस को ब्रिटेन में अधिक पहुंच मिलेगी. वहीं, ब्रिटेन को भारतीय बाजार में व्हिस्की और ऑटोमोबाइल जैसे उत्पादों की बिक्री बढ़ाने का अवसर मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि होगी और ब्रिटेन को भारत के तेजी से बढ़ते बाजार का लाभ मिलेगा. इस समझौते से दोनों देशों के छोटे और मध्यम उद्यमों (SME) को भी लाभ होगा.

क्या होगा फायदा

एफटीए से हल्दी, इलायची, काली मिर्च, आम, अचार और दालों जैसे भारतीय कृषि प्रोडक्ट के लिए ब्रिटेन के प्रीमियम बाजार खुलने की उम्मीद है. इन वस्तुओं को अब टैरिफ मुक्त पहुंच प्राप्त होगी, जिससे भारतीय किसानों के मार्जिन में सुधार होगा और देश को 2030 तक कृषि निर्यात में 100 बिलियन डॉलर प्राप्त करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने में मदद मिलेगी.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य है. इस एफटीए से कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, खिलौने, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो कलपुर्जे और कार्बनिक रसायन जैसे भारतीय क्षेत्रों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है.

अनुमानों से पता चलता है कि दोनों देशों के बीच टैरिफ और रेगुलेटरी बाधाओं में कमी से भारत को ब्रिटेन को किए जाने वाले निर्यात में लंबे समय में लगभग 60 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे 2040 तक निर्यात में 15.7 बिलियन पाउंड की अतिरिक्त बढ़ोतरी संभव है.