गंदी बात के सफेदपोश, एक झटके में बर्बाद! छोटे शहरों और टियर-2 टैलेंट से खड़ा हुआ था 4000 करोड़ का बोल्ड बाजार

कुछ ऐप्स ऐसे थे जो बड़ी OTT कंपनियों की भी सब्सक्रिप्शन लिस्ट में सेंध मार रहे थे. अचानक एक सरकारी आदेश आता है और लाखों यूजर्स की स्क्रीन ब्लैक हो जाती है. न कोई अलर्ट, न कोई सफाई. ये कहानी सिर्फ सेंसरशिप की नहीं, एक बड़े डिजिटल खेल की भी है.

छोटे शहरों और टियर-2 टैलेंट से खड़ा हुआ था 4000 करोड़ का बोल्ड बाजार Image Credit: Money9 Live

OTT Ban in India: सिर्फ एक आदेश, और देशभर में लाखों स्क्रीन ब्लैक हो गईं. कोई नोटिस नहीं, कोई चेतावनी नहीं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक झटके में ALTT, Ullu, Desiflix, Hulchul समेत 25 बोल्ड OTT ऐप्स को बैन कर दिया. ऐसा पहली बार नहीं है कि सरकार ने डिजिटल स्पेस में सख्ती दिखाई हो, लेकिन पहली बार है कि एक ऐसा बाजार जिसे लोग “मनोरंजन” समझते रहे, वो अपनी पूरी आर्थिक रफ्तार के साथ एक ही दिन में ठप हो गया और इसका आकार था 4000 करोड़ रुपये. इस इंडस्ट्री ने बिना सिनेमाघरों के, बिना किसी बड़े कैमरे के, बिना भारी भरकम स्टारकास्ट के, खुद को छोटे शहरों और सस्ते सब्सक्रिप्शन के जरिए खड़ा किया था. जब बिजनेस बढ़ा तो बड़े प्लेयर्स भी कूद पड़ें लेकिन अब इन सबके कमाई पर सरकारी कैंची चल गई है.

इस कारोबार की शुरुआत कैसे हुई?

2018 में जब सरकार ने 100 से ज्यादा पोर्न साइट्स पर बैन लगाया था, तब डिजिटल दुनिया ने अपनी खिड़कियां दूसरी तरफ खोल दीं. सॉफ्ट पोर्न को “वेब सीरीज़” के नाम पर परोसा जाने लगा, बिना रोक, बिना सेंसर. फिर आई कोरोना की लहर, जिसने OTT को नए आयाम दिए. जब लोग घरों में बंद थे, तब यही बोल्ड जॉनर उनका “मनोरंजन” बना.

उस वक्त पूरी इंडस्ट्री का आकार लगभग 3500 करोड़ रुपये था, जो अब 4000 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है. महामारी के दौरान तेजी से बढ़ते सब्सक्रिप्शन, छोटे शहरों में शूटिंग, कम लागत और सस्ते प्लान, ये सब कुछ इस इंडस्ट्री को अंडरग्राउंड से मिडिल क्लास ड्रॉइंग रूम तक खींच लाए.

कैसे काम करती है ये इंडस्ट्री?

इस कंपनी की सबसे बड़ी ताकत बना इसका लो-कॉस्ट प्रोडक्शन. इन फिल्मों में एक्टिंग मुम्बई या बॉलीवुड में काम करने की ख्वाहिश लिए एक्टर्स करते हैं, या डेली सोप में जाने माने चेहरों को इसमें हाई फीस देकर ऑडियंस को लुभाया जाता है.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक,प्रोडक्शन यूनिट्स बिना किसी नाम या बैनर के होटल या किराए पर लिए अपार्टमेंट में शूटिंग करती हैं. ऐसे एक एपिसोड का बजट सिर्फ 1,25,000 से 2,50,000 रुपये तक होता है, जो बॉलिवुड में किसी फिल्म या सीरीज की तुलना में बेहद कम है.मेरठ जैसे शहरों में हर महीने लगभग 50 से 75 फिल्में बनती हैं, वो भी अलग-अलग भाषाओं में. शूटिंग के लिए भी किसी महंगे कैमरे नहीं बल्कि सिर्फ DSLR कैमरों का इस्तेमाल होता है.

सभी कंटेंट का प्लॉट लगभग एक जैसा होता है जैसे हैं, डिलीवरी बॉय और लड़की की कहानी, कॉलेज लाइफ, हाउसवाइफ और नौकर की दास्तां, ऐसे कंपनी को कोई हाई रेटेड स्क्रिप्ट राइटर की दरकार भी नहीं होती.

इस कम बजट प्रोडक्शन के बावजूद एक एक फिल्म या प्रोजेक्ट पर निर्माता 1.5 से 2 करोड़ रुपये तक कमा लेते हैं. स्टार्टअप मोड में ये निर्माता आमतौर पर 4-5 फिल्में सालाना बनाते हैं. इन छोटे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की सब्सक्रिप्शन दरें नेटफ्लिक्स और अमेजन की तुलना में बेहद कम हैं.

क्यों लोकप्रिय हुए Alt Balaji और Ullu?

AltBalaji का नाम 18+ की दुनिया में सबसे ऊपर आता है.कंपनी को वित्त वर्ष 2023-24 में टेलीविजन सेगमेंट से कंपनी को 367 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला, जिसमें 7% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई. इस दौरान कुल 1,156 प्रोडक्शन घंटे पूरे किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 फीसदी से अधिक है. EBITDA 49 करोड़ रुपये रहा. सब्सक्रिप्शन की कीमत आमतौर पर 100 रुपये मासिक या 300 रुपये वार्षिक रही. उनकी लाइब्रेरी में 90 से अधिक ओरिजिनल वेब सीरीज उपलब्ध थीं.

हालांकि AltBalaji ऐप सेगमेंट से कंपनी ने 45.7 करोड़ रुपये की कमाई की और पहली बार इस बिजनेस में सकारात्मक कैशफ्लो दर्ज हुआ. EBITDA हानि में 68 फीसदी की गिरावट आई, जो एक मजबूत सुधार का संकेत है. कंपनी ने 18 नए डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूस किए और इस दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 2.5 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स जुड़े, जिसमें बड़ी तादात टियर-2 और टियर-3 शहरों से आती है.

देशी OTT में इनोवेशन और विवाद का सबसे बड़ा नाम Ullu App है. FY23 में उल्लू (ULLU) का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 46.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 93.1 करोड़ रुपये हो गया, जो 98.93% की वृद्धि है. इसी अवधि में कंपनी का कुल खर्च 41.4 करोड़ से बढ़कर 72.3 करोड़ रुपये हो गया, यानी खर्चों में 74.64% की बढ़ोतरी हुई. इन आंकड़ों के चलते कंपनी का मुनाफा भी तेजी से बढ़ा, FY22 के 3.9 करोड़ रुपये के मुकाबले FY23 में यह 287.18% की छलांग लगाते हुए 15.1 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी की अधिकांश कमाई सब्सक्रिप्शन के जरिए होती है. यहां सालाना सब्सक्रिप्शन की कीमत 500 रुपये के आसपास रहती है और मासिक प्लान 99 रुपये से शुरू होता है.

Ullu शेयर बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रहा थी जिसके लिए सेबी को उसने अपना DRHP दाखिल किया था. अब सरकारी आदेश के बाद ये प्लानिंग भी अधर में लटकी दिख रही है.

यह भी पढ़ें: क्या है Ullu Coin? OTT बैन के बीच फंसा निवेश या डूब जाएगा लोगों का पैसा? जानें सभी सवालों के जवाब

Hulchul, Desiflix और बाकी प्लेयर्स

Desiflix App एक वीडियो ऑन डिमांड प्लेटफॉर्म है, जिसमें शॉर्ट फिल्म्स, वेब सीरीज और एक्सक्लूसिव कंटेंट पर फोकस किया गया था. इसका सब्सक्रिप्शन प्लान कई टियर में था– मासिक लगभग 1.99 यूरो (लगभग 180 रुपये), वार्षिक करीब 22.99 यूरो (2,000 रुपये के आसपास). Desiflix ने हाल के कुछ वर्षों में वर्नाक्यूलर और बोल्ड कंन्टेंट के सहारे अपनी जगह मजबूत की थी. Hulchul App ने भी सस्ती सब्सक्रिप्शन और बोल्ड थीम्स के साथ छोटे कस्बों और शहरों में पॉपुलैरिटी पाई. हालांकि इन दोनों का बाजार Alt Balaji और Ullu की तुलना में छोटा रहा है.