इंफ्लुएंसर्स की करोड़ों की कमाई पर सरकार रखेगी नजर, डिपार्टमेंट का नया कदम; ITR-3 में जोड़े गए 5 नए प्रोफेशनल कोड

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-3 में पांच नए प्रोफेशनल कोड जोड़े हैं, जिससे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, एफएंडओ ट्रेडर, कमिशन एजेंट और लाइव इवेंट प्रोफेशनल जैसे प्रोफेशन अब टैक्स दायरे में आएंगे. यह बदलाव डिजिटल युग में तेजी से उभरते प्रोफेशन की कमाई को ट्रैक करने और टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है.

ITR-3 में पांच नए प्रोफेशनल कोड जोड़े गए हैं.

ITR 3 professional code: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहली बार ITR-3 में पांच नए प्रोफेशनल कोड जोड़े हैं. इसमें सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, कमिशन एजेंट, फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडर, सट्टा कारोबार करने वाले ट्रेडर और लाइव इवेंट आयोजक को शामिल किया गया है. यह कदम तेजी से बदलते डिजिटल प्रोफेशन और कमाई के नए तरीकों को देखते हुए उठाया गया है. इससे टैक्सपेयर्स सही कैटेगरी में रिटर्न भर सकेंगे और विभाग को निगरानी आसान होगी.

इनफ्लुएंसर की आमदनी में बड़ा उछाल

पिछले दो साल में ऐसे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर की संख्या बढ़ी है जिनकी सालाना इनकम 20 लाख रुपये से अधिक है. कुछ मामलों में यह कमाई 2 से 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. अधिकारियों का कहना है कि कुछ इनफ्लुएंसर की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से भी अधिक पाई गई. ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए अलग कोड की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी.

अब ट्रैक होंगे रिटर्न

कई मामलों में इनफ्लुएंसर गलत जानकारी से या तो रिटर्न ही नहीं भर रहे थे या फिर गलत कैटेगरी चुनकर भर रहे थे. अब नए प्रोफेशनल कोड की मदद से न केवल वे सही जानकारी दे पाएंगे बल्कि टैक्स विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को भी प्रोफेशन की पहचान आसान होगी.

स्पेशल कोड से बढ़ेगी ट्रांसपेरेंसी

इकोनॉमिक्स टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव उभरते प्रोफेशन को पहचान देने के साथ टैक्स कलेक्शन में ट्रांसपेरेंसी भी लाएगा. इससे इनकम रिपोर्टिंग में सटीकता बढ़ेगी और टैक्सपेयर्स को सही कोड चुनने में सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही विभाग की डेटा एनालिटिक्स और निगरानी क्षमता भी मजबूत होगी.

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ITR 3 में हुए कुछ अहम बदलाव

ITR-3 फॉर्म में इस साल इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने पांच नए प्रोफेशनल कोड जोड़े हैं. इनमें सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) ट्रेडर, स्पेक्युलेटिव ट्रेडर, कमिशन एजेंट और लाइव इवेंट प्रोफेशनल शामिल हैं. यह कदम डिजिटल युग में उभरते प्रोफेशन को टैक्स सिस्टम में सही तरीके से शामिल करने की दिशा में उठाया गया है.