PMGKAY के लाभार्थियों को 5 किलो से अधिक मिलेगा गेहूं, अक्‍टूबर से होगा लागू

खाद्य सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की 100 दिनों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए पीएमजीकेएवाई के लाभार्थियों के गेहूं आवंटन की वृद्धि की घोषणा की थी. जिसके अनुसार, अब 35 लाख टन गेहूं की मंजूरी मिल चुकी है.

सरकार ने पीएमजीकेएवाई के आवंटन में की वृद्धि Image Credit: uniquely india/photosindia/Getty Images

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों के लिए सरकार की ओर से अच्छी खबर आई है. 18 सितंबर को सरकार ने पीएमजीकेएवाई के लाभार्थियों को मिलने वाली गेहूं के आवंटन में वृद्धि करने की घोषणा की है.

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की 100 दिनों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए पीएमजीकेएवाई के लाभार्थियों के गेहूं आवंटन की वृद्धि की घोषणा की थी. चोपड़ा ने कहा, “मंत्रियों की एक समिति ने पीएमजीकेएवाई के तहत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं को मंजूरी देने की बात कही है.” चोपड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बढ़ा हुआ आवंटन मार्च 2025 तक जारी रहेगा. उनका कहना है कि इससे संभावित रूप से पीएमजीकेएवाई योजना के तहत गेहूं चावल के अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा. अनुपात से जुड़े सवाल पूछे जाने पर चोपड़ा ने कहा, “यह अभी भी सामान्य रूप से 1 से 2 मिलियन टन नीचे रहेगा.” उन्होंने आगे कहा कि आवंटन की समीक्षा भविष्य के विकास के आधार पर दोबारा की जा सकती है.

बता दें कि सरकार ने 2022 में पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत गेहूं के आवंटन को 18.2 मिलियन टन से घटाकर 7.1 मिलियन टन कर दिया था वहीं कम घरेलू आपूर्ति के कारण चावल के आवंटन को बढ़ा दिया था. चोपड़ा ने पिछले साल यानी 2023 के 112.9 मिलियन टन के उत्पादन का हवाला देते हुए मौजूदा “पर्याप्त गेहूं” उपलब्धता को रेखांकित किया. पिछले साल 112.9 मिलियन टन के असल उत्पादन के मुकाबले सरकार की खरीद 26.6 मिलियन टन थी.

मार्केट की बात करते हुए चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पाद की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. हालांकि चोपड़ा ने भविष्य में ओएमएसएस की बिक्री से इनकार भी नहीं किया. बता दें कि पीएमजीकेएवाई के जरिये 80 करोड़ गरीब लाभार्थियों को मदद मिलती है. उसके जरिये, हर महीने प्रति व्यक्ति को 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न दिया जाता है.