भारतीय छात्रों का अमेरिका-कनाडा से मोहभंग, इन देशों में ले रहे सबसे ज्यादा एडमिशन; जानें वजह

भारतीय छात्र अब पढ़ाई के लिए ऐसे देश चुन रहे हैं जहां खर्च कम हो, पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी हो और नौकरी के अवसर बेहतर हों. जर्मनी और यूएई जैसे देश इस मामले में आगे निकल रहे हैं. अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की सख्त नीतियां और बढ़ता खर्च भारतीय छात्रों को नए विकल्पों की ओर ले जा रहा है.

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Indian students chose Germany: भारतीय छात्र अब उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका और कनाडा की बजाय जर्मनी और UAE को चुन रहे हैं. एक नई रिपोर्ट, upGrad Study Abroad की Transnational Education (TNE) Report 2024-25 के मुताबिक अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के आवेदन 13 फीसदी कम हुए हैं. इसका कारण पढ़ाई की बढ़ती लागत, सख्त वीजा नियम और पढ़ाई के बाद नौकरी की अनिश्चितता है. जर्मनी, भारतीय छात्रों के लिए तेजी से पसंदीदा देश बन रहा है. साल 2022 में 13.2 फीसदी भारतीय छात्र जर्मनी गए थे. यह 2024-25 में बढ़कर 32.6 फीसदी हो गया. UAE भी लोकप्रिय हो रहा है. यहां 42 फीसदी अंतरराष्ट्रीय छात्र भारतीय हैं.

घट रही है लोकप्रियता

कनाडा की लोकप्रियता भी घटी है. साल 2022 में 17.9 फीसदी भारतीय छात्र कनाडा गए थे. यह अब घटकर 9.3 फीसदी रह गया. UK में भी भारतीय छात्रों को 11 फीसदी कम वीजा मिले. दूसरी ओर आयरलैंड भी भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रहा है क्योंकि वहां अंग्रेजी में पढ़ाई होती है और डिग्री प्रोग्राम छोटे हैं. रिपोर्ट कहती है कि अब छात्र कम खर्च और बेहतर नौकरी के अवसरों को ज्यादा महत्व देते हैं. पहले ज्यादातर छात्र विदेश में स्थायी निवास (PR) चाहते थे, लेकिन अब केवल 19.9 फीसदी छात्र PR को प्राथमिकता देते हैं. वहीं, 48.2 फीसदी छात्र बेहतर नौकरी चाहते हैं.

देश2022 में छात्रों का हिस्सा2024-25 में छात्रों का हिस्सावृद्धि/कमी
जर्मनी13.2%32.6%19.4% बढ़ोतरी
यूएई42% (अंतरराष्ट्रीय छात्र)
अमेरिका13% आवेदन में कमी
कनाडा17.9%9.3%8.6% कमी
यूके11% वीजा में कमी

1 लाख से ज्यादा सैंपल साइज

रिपोर्ट में 1 लाख से ज्यादा छात्रों के जवाबों का विश्लेषण किया गया. इसमें पाया गया कि 86.5 फीसदी छात्र मास्टर्स डिग्री करना चाहते हैं क्योंकि ये प्रोग्राम छोटे और करियर से जुड़े होते हैं. मैनेजमेंट और MBA प्रोग्राम की मांग बढ़ी है. यह तीन साल पहले 30 फीसदी थी और अब 55.6 फीसदी हो गई. STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ) कोर्सेज में 38.9 फीसदी छात्रों की रुचि है. पढ़ाई के लिए पैसों का इंतजाम भी छात्रों की समझदारी दिखाता है. 33 फीसदी छात्र एजुकेशन लोन लेते हैं, 28 फीसदी स्कॉलरशिप पर निर्भर हैं और 22 फीसदी अपनी जमा-पूंजी से पढ़ाई करते हैं. ज्यादातर छात्र 10 से 30 लाख रुपये के बजट में पढ़ाई करना चाहते हैं.

इस तरह भुगतान करते हैं अपनी फीस

फीसछात्रों का प्रतिशत
एजुकेशन लोन33%
स्कॉलरशिप28%
खुद की जमा-पूंजी22%

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