अनिल अंबानी फिर फंसे! अब BOB ने लिया एक्शन, SBI-BOI के बाद तीसरा बैंक जिसने RCOM को बताया फ्रॉड
बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर अनिल अंबानी के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. कंपनी ने कहा कि वह कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्रवाई करेगी. अनिल अंबानी ने सभी आरोपों को खारिज किया है.

Reliance Communications Anil Ambani: बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और इसके प्रमोटर अनिल अंबानी के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. यह जानकारी कंपनी ने गुरुवार को लेट एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए दी. कंपनी ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी सलाह लेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी. अनिल अंबानी ने सभी आरोपों को खारिज किया है और कानूनी रास्तों से समाधान पाने की बात कही है. इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया ने भी यह कदम उठाया है.
लोन अकाउंट्स से जुड़ी जानकारी
रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रक्रिया के तहत है. कंपनी का रिजोल्यूशन प्लान कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स द्वारा मंजूर किया गया और एनसीएलटी, मुंबई में मार्च 2020 को फाइल किया गया था. बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा फ्रॉड घोषित किए गए लोन पुराने समय के हैं, जो इनसॉल्वेंसी कोड के तहत केवल रिजोल्यूशन प्लान या लिक्विडेशन के जरिए सुलझाए जा सकते हैं.
क्या है अनिल अंबानी का पक्ष
इस मामले में कंपनी का कहना है कि अनिल अंबानी 2006 से 2019 तक रिलायंस कम्युनिकेशंस बोर्ड के नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे हैं. वे कभी कंपनी के कार्यकारी निदेशक या केएमपी नहीं रहे और उनके पास कंपनी के रोजाना के ऑपरेशन में कोई भूमिका नहीं थी. कंपनी के अनुसार चयनित बैंक अब धीरे धीरे कार्रवाई कर रहे हैं और सीधे अनिल अंबानी को टार्गेट कर रहे हैं.
पहले भी हुई थी फ्रॉड की घोषणा
इससे पहले जून में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने RCom के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था. इसके बाद 24 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया ने भी RCom के लोन अकाउंट को फ्रॉड बताया और अनिल अंबानी का नाम जोड़ा था. आरोपों में कथित फंड डाइवर्जन और लोन टर्म्स का उल्लंघन शामिल था.
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ED भी कर रही है जांच
अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े मामलों पर ED ने भी कड़ी कार्रवाई की है. मुंबई में 35 स्थानों पर 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन किए गए. ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत की जा रही है और इससे अनिल अंबानी के खिलाफ जांच की तेजी से आगे बढ़ रही है. ईडी और सीबीआई ने अनिल अंबानी की कंपनी पर 17,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप लगाया है. यह मामला येस बैंक लोन फ्रॉड से जुड़ा है. इस मामले की जांच के सिलसिले में अनिल अंबानी ED के सामने पेश भी हुए हैं .
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