कहां तक पहुंचा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का काम, जाने बिहार के किन जिलों को होगा फायदा!
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे 2025 के आखिर तक पूरा हो सकता है. इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी सुधरेगी और कारोबारियों को तेज़ और सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी. इसके शुरू होते ही आसपास के इलाकों में रोजगार, रियल एस्टेट और निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी.

Amas-Darbhanga Expressway: भारतमाला परियोजना के तहत बिहार में आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे बना रहा है. इसके बन जाने से बिहार के विकास को एक नया रफ्तार मिलेगा. यह एक्सप्रेस-वें 189 किलोमीटर की लंबा होगा जो, बिहार के 19 शहरों को जोडे़गा. इसके साथ ही यह आर्थिक कॉरिडोर NH-19 और NH-27 को सीधे कनेक्ट करेगा. इसके बन जानें से पटना से दरभंगा तक की दूरी मात्र 2 घंटे में पूरी होगी. राज्य का यह चर्चित एक्सप्रेस-वे के बन जाने से बिहार के 7 जिलों को भी बड़ा फायदा पहुंचेगा. इसका सबसे ज्यादा फायदा दरभंगा और मिथिलांचल क्षेत्र को होगा. क्षेवासियो की यात्रा को सुगम बनाने के लिये सरकार नें इस परियोजना को केवल राज्य के दो प्रमुख क्षेत्रों से जोड़ेने का विचार किया हैं.
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों को राजधानी और बाहरी बाजारों से बेहतर तरीके से जोड़ा जाएगा, आने वाले वर्षों में यह परियोजना राज्य की तस्वीर बदलने में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है .रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे 2025 के आखिर तक पूरा हो सकता है. इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी सुधरेगी और कारोबारियों को तेज़ और सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी. इसके शुरू होते ही आसपास के इलाकों में रोजगार, रियल एस्टेट और निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी.
सात जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा सीधी कनेक्टिविटी हो सकेगी.
यह बिहार में पहला ग्रीनफील्ड आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे होगा जिसपर तेजी से काम चल रहा है. जिसका मतलब है कि यह सड़क एक बिल्कुल नए मार्ग पर बनाई जा रही है, जहां पहले कोई हाईवे मौजूद नहीं था. परियोजना पूरी होने पर व्यापार, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बड़ी मजबूती मिलेगी. यह एक्सप्रेस-वे बौद्ध तीर्थस्थल गया के पास आमस से शुरू होकर दरभंगा जिले के नवादा गाँव तक जाएगा और इस दौरान यह सात जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें जहानाबाद, अरवल, वैशाली, पटना, नालंदा और समस्तीपुर शामिल हैं. यह एक्सप्रेसवे बिहार के इन 7 जिलों से होकर गुजरेगा. साथ ही यह 19 शहरों और कस्बों को भी जोड़ेगा, जिनमें मथुरापुर, गुरारू, बेला, रामनगर, सबलपुर, ताजपुर, लहेरियासराय और नवादा (दरभंगा) प्रमुख हैं.
5,000 करोड़ की लागत से बन रहा हैं
बिहार में पहला ग्रीनफील्ड आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य को चार हिस्सों में बांटा गया है. मेधा कंस्ट्रक्शन को तीन हिस्सों का काम सौंपा गया है, जबकि रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी अंतिम हिस्से का निर्माण कर रही है. सड़क की चौड़ाई 200 फीट होगी और लागत करीब 5,000 करोड़ रुपए आंकी गई है. दरअसल, भारतमाला परियोजना के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. जिसका डिजाइन एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा. किसी भी सीमित जगह से ही एंट्री और एग्जिट की सुविधा होगी. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाएं भी कम हो सकेगी. जिससे पहले की तुलना में एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद ट्रांसपोर्ट सुविधा और बेहतर हो जाएगी.
एक्सप्रेस-वे से जुड़े कुछ डिटेल्स
- परियोजना का नाम- अमास-दरभंगा एक्सप्रेस-वे.
- लंबाई- 189 किलोमीटर.
- लेन की संख्या- चार लेन.
- प्रकार- एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे.
- शुरुआत- गया के पास अमास.
- समाप्ति- दरभंगा जिले के नवादा गाँव.
- शामिल जिले- अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली, और समस्तीपुर सहित सात जिला.
इन लाभों पर एक डालें नजर
- गया, पटना और दरभंगा हवाई अड्डों को पहली बार एक ही मार्ग से जोड़ेगा.
- समस्तीपुर से पटना की दूरी को 100 किमी से घटाकर मात्र 65 किमी कर देगा.
- दरभंगा एयरपोर्ट तक पहुँचने का समय भी कम हो जाएगा.
व्यापार, रोजगार और आर्थिक,विकास को बढ़ावा
- व्यापार को बढ़ावा: तेज और सुरक्षित मालवाहन से व्यापार को रफ्तार मिलेगी
- रोजगार के अवसर: निर्माण और उसके बाद रख-रखाव में हजारों लोगों को नौकरियां मिलेंगी
- आर्थिक गतिविधियां बेहतर कनेक्टिविटी से आसपास के क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा
- पर्यटन में वृद्धि: मिथिला क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थानों तक आसान पहुंच
- कृषि उत्पादों की ढुलाई: किसान अपने उत्पाद तेज़ी से मंडियों तक पहुंचा पाएंगे.
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