Model Tenancy Act: किराएदार से 2 महीने से ज्यादा की नहीं ले पाएंगे सिक्योरिटी, मकान खाली नहीं करने पर डबल फाइन
सरकार ने नए किराया नियम 2025 लागू कर किराये के बाजार में बड़े बदलाव किए हैं. अब हर किरायेदारी के लिए लिखित एग्रीमेंट अनिवार्य होगा और इसे दो महीने के भीतर Rent Authority में दर्ज करना होगा. डिपॉजिट मनी पर भी लिमिट तय कर दी गई है जिससे किरायेदार पर बोझ कम होगा. किराया बढ़ोतरी और बेदखली के लिए भी स्पष्ट नियम बनाए गए हैं.
Model Tenancy Act 2021: केंद्र सरकार ने देश भर में किराये से जुड़े नियमों को ट्रांसपेरेंट और व्यवस्थित बनाने के लिए आदर्श किरायदारी अधिनियम 2021 यानी Model Tenancy Act 2021 को लागू किया है. इस कानून का मकसद किरायेदार और मकान मालिक के बीच बैलेंस बनाना है. नए नियम लिखित एग्रीमेंट अनिवार्य करते हैं डिजिटल रजिस्ट्रेशन का नया विकल्प देते हैं और सिक्योरिटी मनी का बोझ कम करते हैं. हालांकि इसे लागू करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसके लिए उन्हें अपने कानून में बदलाव करना होगा.
लिखित रेंट एग्रीमेंट अनिवार्य
सरकार नए नियमों के तहत हर किरायदारी के लिए लिखित एग्रीमेंट अनिवार्य कर रही है. अब कोई भी मकान बिना लिखित करार के किराये पर नहीं दिया जा सकता. इसमें किराया कब बढ़ेगा कितनी अवधि की किरायदारी होगी और मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी होगी यह सब साफ लिखा जाएगा. मकान मालिक और किरायेदार दोनों को एग्रीमेंट बनने के दो महीने के भीतर इसे रेंट अथॉरिटी में जमा करना होगा.
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा पूरा रजिस्ट्रेशन
राज्यों को अब किराया एग्रीमेंट के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना होगा. इस प्लेटफॉर्म पर एग्रीमेंट की ऑनलाइन एंट्री की जाएगी और यह रिकॉर्ड किराये से जुड़ी सभी जानकारी का अंतिम प्रूफ माना जाएगा. इससे विवाद की स्थिति में सबूत देने की परेशानी खत्म होगी और प्रक्रिया पूरी तरह ट्रांसपेरेंट बनेगी.
सिक्योरिटी डिपॉजिट पर कैप
सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर सबसे बड़ा बदलाव हुआ है. अब मकान मालिक किरायेदार से मनमानी रकम नहीं ले सकेगा. नए नियमों में सीमा तय की गई है. घरेलू प्रॉपर्टी पर अधिकतम दो महीने का किराया और कमर्शियल प्रॉपर्टी पर अधिकतम छह महीने का किराया सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में लिया जा सकेगा. मकान खाली करने पर मकान मालिक को यह राशि किरायेदार को उचित कटौती के बाद लौटानी होगी.
बिना कारण बेदखली नहीं
सरकार ने बेदखली के नियम भी स्पष्ट कर दिए हैं. मकान मालिक किरायेदार को मनमर्जी से बीच में नहीं निकाल सकता. इसके लिए उसे Rent Authority से आदेश लेना होगा और कारण भी कानून में निर्धारित होने चाहिए. किराया दो महीने तक न देना अवैध गतिविधि करना या बिना अनुमति सबलेट करना वैध कारण माने जाएंगे. लीज अवधि खत्म होने के बाद भी अगर किरायेदार नहीं निकलता तो पहले दो महीने तक दोगुना किराया और उसके बाद चार गुना किराया देना होगा.
किराया बढ़ोतरी पर रोक
अब किराया बढ़ाने के लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले लिखित जानकारी देनी होगी. किराया बढ़ोतरी वही होगी जो लिखित एग्रीमेंट में तय की गई है. इससे मनमानी बढ़ोतरी पर रोक लगेगी और किरायेदारों को राहत मिलेगी.
अब जल्दी सुलझेंगे विवाद
नए नियमों में किराया विवादों को तेजी से निपटाने के लिए तीन स्तरीय तंत्र बनाया गया है. इसमें Rent Authority Rent Court और Rent Tribunal शामिल हैं. सिविल कोर्ट अब ऐसे मामलों को नहीं देखेगी. सरकार का लक्ष्य है कि किराया संबंधी विवाद 60 दिन के भीतर निपट जाएं. इससे दोनों पक्षों का कानून पर भरोसा बढ़ेगा.
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दोनों पक्षों को मिलेगी सुरक्षा
नए किराया नियम 2025 से पहली बार किराये के बाजार को एक औपचारिक और सुरक्षित स्ट्रक्चर मिल रहा है. किरायेदार को बेवजह बेदखली से सुरक्षा मिलेगी और मकान मालिक को समय पर किराया और कानूनी कार्रवाई की सुविधा मिलेगी. सरकार चाहती है कि सभी राज्य जल्द से जल्द इन नियमों को अपनाएं ताकि पूरे देश में एक समान सिस्टम लागू हो सके.
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