Gold Rate Today: सोने में दिखा उतार-चढ़ाव, अमेरिकी पेरोल डेटा पर टिकी निवेशकों की नजर, चांदी में उछाल जारी
हाल ही के दिनों में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा था, लेकिन 4 सितंबर को इसकी तेजी पर ब्रेक लग गया था. मगर 5 सितंबर यानी शुक्रवार को दोबारा इनमें तेजी देखने को मिली. तो किस वजह से सोने-चांदी के भाव में हो रहा उतार-चढ़ाव और क्या है ताजा भाव, चेक करें डिटेल्स.

Gold and Silver rate today: सोने की कीमतों में आजकल उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हाल ही में जहां इसमें तीन दिन लगातार रैली बनी रही, वहीं 4 सितंबर को सोने में गिरावट दर्ज की गई. मगर 5 सितंबर यानी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सोना दोबारा चढ़ गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर सोना 433 रुपये के उछाल के साथ 106,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता नजर आया.
चांदी की बात करें तो MCX में इसमें भी बढ़त देखने को मिली. शुक्रवार को चांदी 726 रुपये की तेजी के साथ 124,646 रुपये प्रति किलो पर कारोबार करती नजर आई. हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में गिरावट दर्ज की गई. सुबह 9:30 बजे तक स्पॉट गोल्ड 0.43 फीसदी की गिरावट के साथ 3,556.55 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करता नजर आया. अब सबकी नजर शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल डेटा पर टिकी है, जो फेडरल रिजर्व की नीतिगत दिशा के बारे में नए संकेत दे सकता है.
रिटेल में कितनी है कीमत?
तनिष्क की वेबसाइट के मुताबिक 5 सितंबर को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 107290 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई. जबकि 4 सितंबर को इसकी कीमत 107400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. यानी आज इसकी कीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली. 22 कैरेट गोल्ड के भाव आज तनिष्क पर 98350 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, जो गुरुवार को 98450 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था.
क्यों सोने में दिख रही हलचल?
सोने की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज गिरावट दर्ज की गई, इसकी वजह निवेशकों के हालिया रिकॉर्ड-तोड़ रैली के बाद मुनाफा वसूली है. अब सबकी नजर शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल्स डेटा पर टिकी है, जो फेडरल रिजर्व की नीतिगत दिशा के बारे में नए संकेत दे सकता है. बुधवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 3,578.50 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं, क्योंकि कमजोर जॉब ओपनिंग डेटा ने अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को मजबूत किया और अनिश्चितताओं ने सुरक्षित निवेश यानी सोने की मांग को बढ़ावा दिया था.
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