पाकिस्तान को पल-पल भारी पड़ रहा युद्ध, शिपिंग इंडस्ट्री हुई ढेर, यहां पढ़िए कबूलनामा

भारत के साथ पंगा लेना पाकिस्तान के आम लोगों को पल-पल भारी पड़ रहा है. लेकिन, आतंकियों के आकाओं और पाकिस्तानी फौज यह सब भूलकर भारतीय सेना के सब्र की परीक्षा ले रहे हैं. भारत की तरफ से लगाए प्रतिबंधों से पाकिस्तान की शिपिंग इंडस्ट्री ढेर हो चली है. पाकिस्तान के शिपिंग एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष का यह कबूलनामा पढ़िए, जिसमें वे बता रहे हैं कि कैसे भारत से पंगा लेना पाकिस्तान के लिए पल-पल भारी पड़ रहा है.

पाकिस्तानी शिप्स को भारतीय पोर्ट्स में एंट्री नहीं Image Credit: FREEPIK

भारत की तरफ से पाकिस्तान पर लगाए गए शिपिंग प्रतिबंधों का असर अब दिखने लगा है. पाकिस्तान के शिपिंग उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. भारत ने पाकिस्तानी माल ढोने वाले इंटरनेशनल शिपिंग कैरियर्स को भारतीय पोर्टों के इस्तेमाल से प्रतिबंधित कर दिया है. इसकी वजह से पाकिस्तान के लिए दुनियाभर से माल आयात और निर्यात ज्यादा खर्चीला और समय खपाने वाला हो गया है. इसकी वजह से माल ढुलाई की कीमतें आसमान छू रही हैं. कई विदेशी कंपनियां पाकिस्तान से शिपिंग पर अतिरिक्त शुल्क लेने लगी हैं, जिससे पाकिस्तान का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.

ट्रांजिट टाइम और शिपिंग कॉस्ट बढ़ी

पाकिस्तान के शिपिंग उद्योग से जुड़े अधिकारियों और व्यापारियों ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान का व्यस्त शिपिंग उद्योग भारत के साथ चल रहे तनाव के कारण गंभीर व्यवधान से जूझ रहा है, नतीजतन ट्रांजिट टाइम और फ्रेट चार्जेज में वृद्धि हो रही है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ विदेशी शिपिंग कंपनियां इस महीने के अंत से EORS यानी इमर्जेंसी ऑपरेशनल रिकवरी सरचार्ज वसूलने की तैयारी कर रही हैं, जिससे पाकिस्तान के शिपिंग और निर्यात को गहरा धक्का लगेगा.

क्या बोले पाकिस्तानी अधिकारी

PSAA यानी पाकिस्तान शिप एजेंट्स एसोसिएशन के चेयरमैन मोहम्मद राजपर का कहना है कि भारत के पोर्ट्स पर पाकिस्तानी माल को ढोने वाले शिप प्रतिबंधित किए जाने से इंटरनेशनल शिपिंग लाइन प्रभावित हो रही हैं. भारत ने यह प्रतिबंध पाकिस्तान के व्यापार को चोट पहुंचाने के लिए लगाए हैं. इसके साथ ही राजपर ने कहा कि ये प्रतिबंध “अनुचित और अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ हैं.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी शिपिंग कंपनियां तमाम तरह के शुल्क बढ़ा रही हैं, जबकि भारत-पाकिस्तान संघर्ष समुद्री क्षेत्र तक पहुंचा भी नहीं है.

कितना बढ़ा भाड़ा

KCAA यानी कराची कस्टम्स एजेंट्स एसोसिएशन के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कई शिपिंग कंपनियों ने प्रति यूनिट 300 से 800 डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की आधारशिला कराची पोर्ट ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शिपिंग उद्योग को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की पिटाई को रुपये का समर्थन, लगातार दो दिन की कमजोरी के बाद 17 पैसे मजबूत होकर बंद