सिंधु जल समझौते पर बड़ा खुलासा, पाक को केवल पानी ही नहीं भारत को देने पड़े थे 160 करोड़, जाने क्यों
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में जो Indus Waters Treaty (IWT) हुई थी, इस समझौते के पीछे की कहानी सिर्फ पानी की नहीं थी. इसमें भारत ने न सिर्फ नदियों का बंटवारा स्वीकारा, बल्कि पाकिस्तान को की भारी रकम भी दी.
Indus Waters Treaty: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया. सरकार के इस फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि अब भारत, पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का अधिकतम उपयोग करेगा. कई लोगों का मानना है कि इस संधि के कारण भारत को पानी का नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस संधि से भारत को सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि पैसों का भी बड़ा नुकसान हुआ है. भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में जो Indus Waters Treaty (IWT) हुई थी, इस समझौते के पीछे की कहानी सिर्फ पानी की नहीं थी. इसमें भारत ने न सिर्फ नदियों का बंटवारा स्वीकारा, बल्कि पाकिस्तान को 1.6 अरब रुपये (आज की कीमत) की भारी रकम भी दी.
क्यों जरूरी थी Indus Waters Treaty?
1947 में बंटवारे के बाद सिंधु नदी सिस्टम दो देशों में बंट गई, भारत ऊपरी हिस्से में और पाकिस्तान निचले हिस्से में था. भारत के पानी इस्तेमाल करने से पाकिस्तान में डर का माहौल बना और स्थिति इतनी गंभीर हुई कि 1956 में जब भाखड़ा डैम राष्ट्र को समर्पित किया गया,तब पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात बन गए. वर्ल्ड बैंक ने इस तनाव को सुलझाने की कोशिश की और एक जल बंटवारे की संधि का प्रस्ताव दिया.
कैसे बना समझौता और क्यों दिया भारत ने पैसा?
1952 से 1959 तक वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में कई चरणों में बात हुईं. पाकिस्तान ने मांग रखी कि उसे पश्चिमी नदियों से सिंचाई के लिए नई परियोजनाएं बनानी होंगी, जिसमें भारी निवेश चाहिए. भारत पहले तैयार नहीं था, लेकिन वर्ल्ड बैंक ने साफ कर दिया कि बिना भारत की आर्थिक मदद के संधि नहीं हो सकेगी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे मोलभाव के बाद भारत ने 83 करोड़ रुपये जो कि आज हिसाब से 160 करोड़ रुपया है पाकिस्तान को देने पर सहमति दी, जिससे वहां मंगला डैम जैसे प्रोजेक्ट बने.
ये भी पढ़ें- इस गर्मी AC नहीं, इन 5 वॉटर पार्क्स में मिलेगा असली ठंडक का मजा, खेलते-खेलत थकेंगे पर मन नहीं भरेगा!
अब क्यों सस्पेंड की गई संधि?
पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए, जिसके बाद भारत ने पहली बार IWT को सस्पेंड किया. प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा, खून और पानी साथ नहीं बह सकते. भारत ने यह भी साफ किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक संधि प्रभाव में नहीं लाई जाएगी. साथ ही भारत ने पश्चिमी नदियों पर अपने प्रोजेक्ट्स को तेज करने की घोषणा की है.
भारत ने चुकाई बढ़ी कीमत
IWT को दशकों तक भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना गया. लेकिन भारत ने इस संधि में सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि पैसे और भरोसे की भी बड़ी कीमत चुकाई. इसके बावजूद पाकिस्तान ने 1965 में युद्ध छेड़ा और आज भी भारत में आतंक फैलाता रहा.
Latest Stories
सर्दी की गिरफ्त में आया देश का बड़ा हिस्सा, मंगलवार को घने कोहरे की चपेट में आ सकते हैं ये राज्य, IMD ने किया अलर्ट
IPL Auction: KKR और CSK में खिलाड़ियों के लिए दिख सकती है जंग, कल 359 प्लेयर्स की लगेगी बोली
BJP के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने नितिन नबीन, जानें कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर
