क्या वाकई मोदी सरकार दे रही है 10,000 रुपये कमाने का मौका? जानें- ATM के बाहर लगी लंबी लाइन के पीछे की कहानी
RS 10000 Per Day Earning: हाल ही में वेबसाइट वायरल हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई परियोजना शुरू की है, जिससे नागरिक प्रतिदिन 10,000 रुपये तक कमा सकते हैं. क्या वाकई सरकार ऐसी कोई स्कीम चला रही है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं.

RS 10000 Per Day Earning: आज के डिजिटल युग में फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. जालसाज लोगों को निशाना बनाने के लिए उन्हें तुंरत पैसा कमाने जैसे वित्तीय लाभ का लालच देते हैं. हाल ही में एक फर्जी वेबसाइट वायरल हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई परियोजना शुरू की है, जिससे नागरिक प्रतिदिन 10,000 रुपये तक कमा सकते हैं. प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) फैक्ट चेक ने इस दावे का खंडन करते हुए इसे फर्जी करार दिया है.
फर्जी दावा किस बारे में है?
सोशल मीडिया एक्स पर पीआईबी फैक्ट चेक पोस्ट के अनुसार, धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइट झूठे दावे कर रही है, जिसमें कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी नई परियोजना का अनावरण करने के बाद एटीएम पर लंबी कतारें लग गई हैं, जो लोगों को प्रति दिन 10,000 स्थानीय रुपये तक कमाने में सक्षम बनाती है.
क्या है पूरा मामला?
पीआईबी फैक्ट चेक पोस्ट के अनुसार, फर्जी वेबसाइट ने आगे दावा किया है कि हजारों भारतीयों ने अपने पहले महीने में 80,000 रुपये से लेकर 3,50,000 रुपये तक कमाए हैं. इस परियोजना का श्रेय पीएम मोदी को दिया गया है. पीआईबी फैक्ट चेक पोस्ट ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और ऐसी कोई परियोजना मौजूद नहीं है. इसमें कहा गया है कि यह सनसनीखेज शीर्षक लोगों को अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी साझा करने के लिए लुभाने के लिए बनाया गया है. हालांकि, यह पूरी तरह से झूठ है.
PIB ने किया अलर्ट
पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने इस घोटाले के बारे में स्पष्ट चेतावनी जारी की है. उन्होंने इस दावे को फर्जी करार दिया है और नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है. ऐसी वेबसाइटों पर व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा करने से पहचान की चोरी, वित्तीय नुकसान या अन्य प्रकार की धोखाधड़ी हो सकती है.
सरकारी वेबसाइट है या नहीं कैसे करें चेक?
अगर आप किसी भी सरकारी पोर्टल के वेरिफिकेशन के बारे में मूल सरकारी विभाग से संपर्क कर सकते हैं या PIB Fact Check @PIBFactCheck को ट्वीट कर सकते हैं. ध्यान रखें, ‘.gov.in’ एक्सटेंशन वाली वेबसाइटें असली सरकारी वेबसाइट हैं. अन्य साइटें जिनका एक्सटेंशन ‘.in’ या ‘.org’ है और सरकारी वेबसाइट के रूप में प्रस्तुत होने वाली अन्य साइटों को संदेह की दृष्टि से देखा जा सकता है. कोई भी वित्तीय लेनदेन करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले उनकी साख की जांच की जा सकती है.
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