क्या सबको ePassport बनवाना है जरूरी, पुराने को करना होगा चेंज, जानें नया नियम

भारत सरकार ने ई-पासपोर्ट पेश किया है जो कागज और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह का पासपोर्ट है, जिसमें RFID चिप और एंटीना लगा हुआ है. यह चिप पासपोर्ट धारक के पर्सनल और बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रखेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौजूदा पासपोर्ट धारकों को ePassport बनवाना जरूरी है, चलिए जानते हैं.

क्या मौजूदा पासपोर्ट धारकों को ePassport बनवाना जरूरी

What is Indian ePassport: भारत में अब डिजिटल ट्रैवेल डॉक्युमेंट्स की दिशा में बड़ा बदलाव आया है. दरअसल हाल ही में सरकार ने आधिकारिक तौर पर ePassport की शुरुआत की है, जो दिखने में भले ही पुराने पासपोर्ट जैसा ही है, लेकिन इसके अंदर कई हाई-टेक फीचर्स है, जो इसे बेहद खास बनाते हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही है कि क्या अब सभी को ePassport बनवाना जरूरी होगा? क्या पुराने पासपोर्ट अमान्य हो जाएंगे? आइए जानते हैं इस नए नियम और इसके असर के बारे में पूरी जानकारी आसान भाषा में.

क्या मौजूदा पासपोर्ट धारकों को ePassport बनवाना है जरूरी?

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौजूदा पासपोर्ट धारकों को ई-पासपोर्ट बनवाना ज़रूरी है. तो जवाब है नहीं. जिन लोगों के पास पहले से जारी पासपोर्ट हैं वे तब तक वैध रहेंगे जब तक उनकी समयसीमा समाप्त नहीं हो जाती.
ePassport को धीरे-धीरे पूरे देश के पासपोर्ट कार्यालयों में लागू किया जाएगा, जहां तकनीकी सुविधाएं पूरी होंगी. इस प्रक्रिया में कुछ महीने लग सकते हैं.

जालसाजी और धोखाधड़ी से मिलेगी सुरक्षा

इस नई तकनीक से न केवल हवाई अड्डों पर समय बचेगा बल्कि जालसाजी और पहचान की धोखाधड़ी से भी बेहतर सुरक्षा मिलेगी. इस सुविधा के साथ ही भारत अब उन 120 से अधिक देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां पहले से बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट जारी हो रहे हैं.

क्या है नया नियम ?

बेहतर डेटा सुरक्षा: ePassport में जानकारी छपी होती है और एक डिजिटल चिप में भी मौजूद रहती है, जिसे दुनिया भर के इमिग्रेशन अधिकारी आसानी से और सुरक्षित रूप से सत्यापित कर सकते है
मजबूत एन्क्रिप्शन : इसमें Public Key Infrastructure (PKI) का इस्तेमाल होता है, जो डाटा की सत्यता और स्रोत को सुरक्षित करता है.
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप: ePassport, ICAO Document 9303 के नियमों का पालन करता है जिसमें शामिल हैं,

  • Basic Access Control (BAC): चिप को सिर्फ अधिकृत स्कैनर ही एक्सेस कर सकते हैं.
  • Passive Authentication (PA): डेटा की वैधता की जांच और छेड़छाड़ का पता लगाने में सहायता मिलती है.
  • Extended Access Control (EAC): संवेदनशील बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट के लिए अतिरिक्त सुरक्षा देता है.

तेज और आसान इमिग्रेशन प्रक्रिया : बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन से ऑटोमैटिक और बिना छूए पहचान हो जाती है जिससे इमिग्रेशन लाइन में लगने का समय घटता है.
वैश्विक पहचान: चूंकि यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है, इसलिए दुनिया के अधिकतर देशों में आसानी से मान्य होता है.
जालसाजी से सुरक्षा: इसमें मौजूद एडवांस्ड सिक्योरिटी फीचर्स इसे नकली या दोहराने से बचाते हैं जिससे पासपोर्ट फ्रॉड की संभावना बहुत कम हो जाती है.
यात्रियों की सहूलियत: हवाई अड्डों पर लगे ऑटोमैटिक e-Gates से ePassport धारकों को मैन्युअल जांच के बिना जल्दी एंट्री मिलती है.
राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती: बायोमेट्रिक जानकारी की मौजूदगी से सीमा पर आवाजाही पर पैनी नजर रखी जा सकती है और पहचान की धोखाधड़ी को रोका जा सकता है.
अधिक तेज अपडेट और रिन्युअल प्रक्रिया: डिजिटल डेटा की मदद से पासपोर्ट अपडेट या रिन्युअल करना पहले से ज्यादा आसान और तेज़ होगा.
डिजिटल ट्रांजिशन की ओर कदम: यह पहल भारत को कागज़ रहित यात्रा और डिजिटल पहचान की दिशा में ले जाती है और वैश्विक गतिशीलता में नई संभावनाएं खोलती है.

डिजिटल इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा

यह कदम ICAO (International Civil Aviation Organisation) के मानकों के अनुरूप है और भारत की सीमा सुरक्षा तथा डिजिटल पहचान प्रबंधन को एक नई दिशा देता है. जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से रफ्तार पकड़ रही है, ePassport भारतीय यात्रियों को ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव देगा. बायोमेट्रिक तकनीक को अपनाकर भारत के डिजिटल इनोवेशन की ओर एक मजबूत कदम बढ़ेगा.

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