मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह ने अपने पद से दिया इस्तीफा, हिंसा के 21 महीने बाद लिया फैसला
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के एक दिन बाद मणिपुर से बड़ी खबर सामने आई है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को इस्तीफा सौंप दिया है.

N Biren Singh resignation: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की अविश्वास प्रस्ताव की धमकी की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है. वहीं, राज्यपाल अजय भल्ला ने दिल्ली में बैठे केंद्रीय नेतृत्व को मौजूदा स्थिति से अवगत करा दिया है.
एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष की शुरुआत के 21 महीने बाद इस्तीफा दिया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है. मैं हर मणिपुर के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्यों और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं. आपके कार्यालय के माध्यम से केंद्र सरकार से मेरा विनम्र अनुरोध है कि इसे जारी रखा जाए. मैं उनमें से सबसे महत्वपूर्ण लोगों को गिनाने का अवसर लेता हूं. यह कदम राज्य में जातीय हिंसा की चपेट में आने के लगभग दो साल बाद उठाया गया है, जिसकी देशभर में और सभी राजनीतिक दलों से तीखी प्रतिक्रिया हुई थी.
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केंद्रीय नेतृत्व से मिलने आए दिल्ली
दरअसल, एन बीरेन सिंह शनिवार शाम को इंफाल से दिल्ली आए थे. इस सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी की यह उनकी दूसरी यात्रा थी. उन्होंने यह यात्रा अपने किसी भी कैबिनेट सहयोगी के बिना की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को लगभग दो घंटे की बैठक की, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे. बैठक के बाद एन बीरेन सिंह रविवार दोपहर को भाजपा के पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा के साथ इंफाल वापस लौट गए और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया.
उनका इस्तीफा मणिपुर में सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले नए सिरे से चल रहे राजनीतिक मंथन के बीच आया है. ऐसे भी काफ समय से मीडिया में चर्चा रही थी कि मणिपुर के कई भाजपा विधायक सीएम बीरेन के नेतृत्व और मणिपुर संकट के लिए केंद्र के प्रबंधन से नाराज थे. इन विधायकों ने फिर से पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था.
विधायक उठा सकते थे बड़ा कदम
मणिपुर के असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा था कि अगर विधानसभा सत्र से पहले कोई बदलाव नहीं हुआ तो वे आगामी विधानसभा सत्र में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा कर रही है.
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त्याग पत्र में पांच बिंदुओं पर जोर
अपने त्याग पत्र में सिंह ने राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार से अनुरोध के रूप में पांच बिंदुओं पर जोर दिया है. इनमें राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना, अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई, ड्रग्स और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखना, बायोमेट्रिक जांच के आवेदन के साथ संशोधित मुक्त आवागमन व्यवस्था को जारी रखना और भारत-म्यांमार सीमा का निर्माण शामिल है. ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जिन पर उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में जोर दिया था.
कांग्रेस का बड़ा बयान
वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि सीएम का इस्तीफा बहुत देर से आया है. मणिपुर के कांग्रेस प्रभारी गिरीश चोंडकर ने कहा कि अगर उन्होंने पहले इस्तीफा दे दिया होता, तो जान, संपत्ति, व्यवसाय और बच्चों की शिक्षा बच सकती थी. उन्हें डेढ़ साल पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था. राज्य ने जो आघात झेला है, उसे बदला नहीं जा सकता.
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