मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ, बेल्जियम की अदालत ने खारिज की याचिका, कहा- राजनीति से प्रेरित नहीं प्रत्यर्पण

पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी के मामले में अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ वॉन्टेड चोकसी को भारत द्वारा औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध जारी करने के बाद 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था.

मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ. Image Credit: Getty image

भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता अब साफ होता हुआ नजर आ रहा है. एंटवर्प अपीलीय न्यायालय ने पाया है कि चोकसी के अपराध भारतीय और बेल्जियम दोनों कानूनों के तहत प्रत्यर्पण योग्य हैं, जिससे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए उसके भारत लौटने का रास्ता साफ हो गया है. पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी के मामले में अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ वॉन्टेड चोकसी को भारत द्वारा औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध जारी करने के बाद 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था. तब से वह हिरासत में है और उसकी कई जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं.

अदालत ने क्या कहा?

अपने विस्तृत फैसले में अदालत ने कहा कि ये अपराध भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (सहित 201, 409, 420 और 477-ए) के तहत भारतीय कानून के तहत दंडनीय होंगे. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(2) (सहित 13(1)(सी) और (डी) के तहत, प्रत्येक अपराध के लिए एक वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है.

अदालत ने आगे फैसला सुनाया कि चोकसी के खिलाफ कथित आपराधिक संगठन, धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी का आचरण बेल्जियम के कानून के तहत भी दंडनीय है. यह बेल्जियम आपराधिक संहिता की धारा 66, 196, 197, 213, 240, 241, 245, 246, 247 SSSS2-4, 324a-b और 496 के तहत, जो प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दोहरे अपराध के सिद्धांत को पूरा करता है.

खत्म नहीं हुई है डेडलाइन

हालांकि, अदालत ने आईपीसी की धारा 201 के तहत सबूतों को गायब करने वाले एक आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि यह अपराध बेल्जियम के कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए इसे प्रवर्तनीय घोषणा का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता. फैसले में स्पष्ट किया गया कि कथित कृत्य 31 दिसंबर 2016 और 1 जनवरी 2019 के बीच भारत में हुए थे और अभियोजन की समय-सीमा भारतीय या बेल्जियम के किसी भी कानून के तहत समाप्त नहीं हुई है.

राजनीति से प्रेरित नहीं है प्रत्यर्पण

एंटवर्प की अदालत ने चोकसी की इस दलील को खारिज कर दिया कि प्रत्यर्पण का अनुरोध राजनीति से प्रेरित था या उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता था. अदालत ने कहा कि कथित अपराधों को ‘राजनीतिक, सैन्य या गैर-प्रत्यर्पणीय कर अपराध नहीं माना जा सकता.’ यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह अनुरोध किसी व्यक्ति पर उसकी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक संबद्धता के आधार पर मुकदमा चलाने या उसे दंडित करने के इरादे से किया गया था.

अदालत ने चोकसी के इस लंबे समय से चले आ रहे दावे को भी खारिज कर दिया कि उसे भारत के निर्देश पर एंटीगुआ से अगवा किया गया था. अदालत ने कहा कि ‘संबंधित व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि उसे भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर एंटीगुआ में अगवा किया गया था.’

आर्थर रोड जेल रखा जाएगा

फैसले में यह भी कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी की हिरासत की शर्तों और चिकित्सा देखभाल के बारे में आश्वासन दिया था. नोट में बताया गया है कि उसे मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा. यह बैरक लगभग 46 वर्ग मीटर में फैला है, जिसमें दो कोठरियां और निजी शौचालय सुविधाएं हैं. उसे केवल चिकित्सा कारणों या अदालत में पेश होने के लिए ही स्थानांतरित किया जाएगा और वह न्यायिक अदालतों के नियंत्रण में रहेगा, जांच एजेंसियों के नहीं.

अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि चोकसी ने कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया, जिससे यह पता चले कि उसे भारत में चिकित्सा देखभाल या उचित उपचार से वंचित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: इन 5 शेयरों में म्यूचुअल फंड्स ने जमकर की खरीदारी, मैटेरियल्स, हेल्थकेयर और कंज्यूमर कारोबार से जुड़ी हैं कंपनियां