Operation Sindoor का हीरो ‘सुदर्शन चक्र’ होगा और घातक, S-400 के लिए नया सौदा कर रहे भारत-रूस
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमलों को बुरी तरह नाकाम करने वाला भारत का एयर डिफेंस सिस्टम 'सुदर्शन चक्र' और घातक होने जा रहा है. सुदर्शन चक्र में अहम भूमिका निभाने वाले S-400 को लेकर भारत और रूस 10 हजार करोड़ रुपये की नई डील कर रहे हैं.
भारत अपने मल्टीलेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम सुदर्शन चक्र में नए S-400 शामिल करने की तैयारी कर रहा है. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम में S-400 की बेहद अहम भूमिका है. भारत के पास पहले से ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तीन ऑपरेशनल यूनिट्स मौजूद हैं. इसके अलावा दो यूनिट्स 2026 में डिलीवर होने वाली हैं. वहीं, इनके अलावा भारत और रूस 10 हजार करोड़ रुपये की एक और डील पर बातचीत कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक S-500 और अतिरिक्त S-400 की खरीद को रक्षा अधिग्रहण समिति (DAC) की मंजूरी के लिए पेश किया गया है.
नई डील पर नजर
ET की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस से करीब 10,000 करोड़ रुपये के S-400 मिसाइल सिस्टम पैकेज पर बातचीत कर रहा है. इसके तहत एयर डिफेंस नेटवर्क को लंबी दूरी तक और मजबूत करने का लक्ष्य है. रक्षा मंत्रालय में प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, जिसे 23 अक्टूबर की DAC मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है.
IAF की रणनीति में अहम
S-400 भारतीय वायुसेना (IAF) का सबसे एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 300 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक खतरों को इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखता है. चीन और पाकिस्तान जैसे दो मोर्चों पर सुरक्षा चुनौतियों के बीच इसकी भूमिका और निर्णायक हो जाती है.
5 की डील, 3 तैनात
भारत ने रूस के साथ 2018 में S-400 की 5 स्क्वाड्रन खरीदने का सौदा किया था. इसके तहत तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत में तैनात हैं. वहीं, चौथी और पांचवीं स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावित हुई है. हालांकि, रूस ने वादा किया है कि 2026 में इनकी डिलीवरी कर दी जाएगी.
S-500 पर भी चल रही चर्चा
S-400 के अलावा भारत और रूस के बीच नेक्स्ट जेनरेशन के एयर डिफेंस सिस्टम S-500 को लेकी भी बातचीत हो रही है. रूसी मीडिया की खबरों के मुताबिक रूस ने ब्रह्मोस की तरह S-500 एयर डिफेंस के जॉइंट डेवलपमेंट और प्रोडक्शन का भी प्रस्ताव दिया है. बहरहाल, भारतीय रक्षा ढांचे में यह अपग्रेड मिसाइल डिफेंस को मल्टी-लेयर बनाकर खतरों का मुकाबला और आसान कर देगा.
एजेंडे में कई नई मिसाइलें
रूस के साथ बातचीत का एक और हिस्सा लंबी दूरी वाली नई एयर-टू-एयर मिसाइलों का है. इसका उद्देश्य IAF की Beyond Visual Range (BVR) क्षमता को मजबूत करना है. दिसंबर में व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान S-400, ब्रह्मोस अपग्रेड और अन्य सैन्य प्रोजेक्ट्स पर ठोस प्रगति संभव मानी जा रही है. रूस अब भी भारतीय वायुसेना के स्ट्राइक और एयर-डिफेंस फ्लीट का मुख्य तकनीकी साझेदार है.