द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर नहीं रहेगा टोल प्लाजा, अब इस तकनीक से होगा टैक्स कलेक्शन

एनएचएआई का ये टोल सिस्टम सेंसर और फील्ड तकनीक से लैस रहेगा. जैसे ही गाड़ियां एक्‍सप्रेसवे से गुजड़ेंगी उनका डाटा बैंक के पास चला जाएगा. इसके बाद बैंक आपके अकाउंट से पैसे काट लेगा. अगर द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर यह टोल सिस्टम सफल रहा, तो अन्य एक्‍सप्रेसवे पर भी लागू किया जाएगा.

द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर नहीं रहेगा टोल प्लाजा, अब इस तकनीक से होगा टैक्स कलेक्शन Image Credit: tv9

राष्‍ट्रीय राजमार्गों और एक्‍सप्रेसवे पर टोल देने के लिए यात्रियों को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) स्‍मार्ट टोलिंग सिस्‍टम को राष्‍ट्रीय राजमार्गों और एक्‍सप्रेसवे पर लागू करने जा रहा है. इस स्‍मार्ट टोलिंग सिस्‍टम की शुरुआत द्वारका एक्‍सप्रेसवे से होने वाली है. यानी द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर सफर करने वाले यात्रियों को टोल देने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. कहा जा रहा है कि इस सिस्टम के लागू होने से लाखों यात्रियों सीधा फायदा होगा.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम लागू करने के लिए एनएचएआई ने टेंडर जारी कर दिया है. इस टेंडर के जरिए बैंक को टोल टैक्‍स कलेक्शन का काम सौंपा जाएगा. ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का यह फैसला टोल टैक्स प्रणाली में बदलाव के लिए अच्छा कदम माना जा रहा है. खास बात यह है कि बैंक आपकी गाड़ी के डाटा के आधार पर टोल टैक्स काटेगा.

सब कॉन्ट्रैक्टर रखने की है अनुमति

एनएचएआई का ये टोल सिस्टम सेंसर और फील्ड तकनीक से लैस रहेगा. जैसे ही गाड़ियां एक्‍सप्रेसवे से गुजड़ेंगी उनका डाटा बैंक के पास चला जाएगा. इसके बाद बैंक आपके अकाउंट से पैसे काट लेगा. अगर द्वारका एक्‍सप्रेसवे पर यह टोल सिस्टम सफल रहा, तो अन्य एक्‍सप्रेसवे पर भी लागू किया जाएगा. बड़ी बात यह है कि इस टोल सिस्टम के लागू होने के बाद टोल ऑपरेटर्स की जरूरत नहीं रहेगी. हालांकि, अभी बैंकों के पास टोल कलेक्शन का कोई अनुभव नहीं है. एनएचएआई की सहायक कंपनी आईएचएमसीएल ने उन्हें यह काम करने के लिए सब कॉन्ट्रैक्टर रखने की अनुमति दी है.

कई एक्सप्रेस वे पर लागू होगा यह सिस्टम

टेंडर के अनुसार सब कॉन्ट्रैक्टर के पास मल्टी लेन फ्री फ्लो आधारित टोल सिस्टम लगाने का 20 साल अनुभव होना चाहिए. हालांकि, जानकारों का कहना है कि फास्टटैग सिस्टम भी जारी रहेगा. बता दें कि 27.6 किलोमीटर लम्बे द्वारका एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर एक टोल है. यहां गुजरने वाली गाड़ियों को टोल देना पड़ता है. इससे दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर कभी-कभी लंबा जाम लग जाता है. कहा ये भी जा रहा है कि इस टोल सिस्टम को कई एक्सप्रेस वे पर लागू करने की तैयारी की जा रही है.