नीतीश कुमार द स्कीम पुरुष: हर रणनीति पर भारी सुशासन बाबू की नीति, यूं ही नहीं कोई बिहार जीत जाता है

Bihar Election Results 2025: करीब 20 साल के कार्यकाल में नीतीश ने बिहार के हर तबके को अपनी योजनाओं से साधा, जिसका नतीजा है कि पिछली बार 50 से कम सीटों पर सिमटने वाली जेडीयू इस बार 80 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और अपनी दमदार वापसी की है.

नीतीश कुमार ने वोटरों को कैसे साधा. Image Credit: Money9live

दामन-ए-चाक को सीने का हुनर रखते हैं, हैं जो खामोश करीने का हुनर रखते हैं… शाइस्ता मुफ्ती का ये शेर फिलवक्त नीतीश कुमार पर फिट बैठता हुआ नजर आ रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के पहले से लेकर और वोटिंग के बाद तक नीतीश कुमार रैलियों में नजर तो आए, लेकिन शोर उनके आस-पास सुनाई नहीं दिया. विपक्ष ने उनकी मानसिक हालत पर सवाल उठाए. कई मौके पर नीतीश भी कुछ ऐसा करते नजर आए, जिससे विपक्ष के आरोपों को बल मिला. लेकिन नीतीश खामोश रहे. बाकी नेताओं की तरह ना तो कई इंटरव्यू दिया और ना ही चुनावी मंचों से कोई जुबां पर चढ़ने वाला नारा उछाला. जब नजर आए… झक सफेद कुर्ता-पजामा और फोटोक्रोमिक ग्लास वाला चश्मा पहने और हाथ जोड़े नजर आए.

9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके नीतीश शायद जानते थे, कि जो करना था वो कर चुके हैं. जिसे साधना था, साध चुके हैं और चुनावी नतीजे इसपर जोरदार तरीके से मुहर लगा रहे हैं. नीतीश कुमार इस चुनाव में स्कीम पुरुष बनकर उभरे हैं. उनकी स्कीम्स का जादू वोटरों के सिर चढ़कर बोला है. करीब 20 साल के कार्यकाल में नीतीश ने बिहार के हर तबके को अपनी योजनाओं से साधा, जिसका नतीजा है कि पिछली बार 50 से कम सीटों पर सिमटने वाली जेडीयू इस बार 80 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और अपनी दमदार वापसी की है.

10 हजरिया स्कीम

इस बार के चुनाव में सबसे अधिक सुर्खियां ‘जीविका दीदियों’ ने बटोरीं. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनाव से ठीक पहले सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़ी 1.30 करोड़ जीविका दीदी के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की थी. ये सशक्त महिलाएं, जिनकी संख्या 1.4 करोड़ से ज्यादा है, राज्य की लगभग 3.5 करोड़ महिला मतदाताओं का लगभग 40 फीसदी हिस्सा हैं. इस स्कीम को महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. 10 हजार रुपये की शुरुआती रकम उन्हें सिर्फ रोजगार शुरू करने के लिए दी गई, बाकी रोजगार शुरू करने के बाद, जरूरत और प्रदर्शन के आधार पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी.

साइकिल और यूनिफॉर्म योजना

नीतीश कुमार जब साल 2005 में बिहार की गद्दी पर बैठे, तो उन्होंने महिलाओं पर खास फोकस किया और उन्हें ध्यान में रखकर स्कीमें शुरू कीं. इसमें से प्रमुख स्कीम साइकिल और यूनिफॉर्म योजना थी. बिहार की सड़कों पर साइकिल चलाकर स्कूल जाती हुईं लड़कियों की तस्वीरें बदलाव की शुरुआत का पोस्टर बनीं. 2006 में शुरू की गई स्कूल की छात्राओं के लिए साइकिल और यूनिफॉर्म योजना ने लड़कियों की स्कूल में उपस्थिति और उच्च शिक्षा तक उनकी पहुंच को बढ़ाया. इस मॉडल की पूरी देश में चर्चा हुई.

पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण

पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण, और सरकारी नौकरियों में विशेष आरक्षण ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की राजनीतिक और आर्थिक भागीदारी को बड़ा बढ़ावा दिया. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बिहार में पंचायतों और शहरी निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया, जिसे 2006 में पंचायती राज अधिनियम के अनुसार लागू किया गया था. इस कदम से जमीनी स्तर पर महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ी है. यह आरक्षण ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों के चुनावों में लागू होता है.

शराबबंदी: महिला मतदाताओं पर सीधा प्रभाव

राज्य में शराबबंदी का फैसला नीतीश कुमार की उन नीतियों में से एक है, जिसे ग्रामीण महिलाओं ने व्यापक समर्थन दिया और इसने उनकी राजनीतिक पहचान को और मजबूत किया. बिहार में पूर्ण शराबबंदी की शुरुआत 4 अप्रैल 2016 को हुई थी, जब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने शराब के निर्माण, बिक्री, भंडारण, उपभोग और परिवहन पर रोक लगा दी. इस पहल से नीतीश कुमार की महिला वोटरों में स्वीकार्यता और मजबूत हुई.

युवा और शिक्षा रोजागार को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम

बेरोजगार युवाओं के लिए आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री निश्‍चय स्वयं सहायता भत्ता योजना 2 अक्टूबर 2016 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य 20 से 25 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवाओं को दो साल तक 1,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करना है. यह योजना उन युवाओं को टारगेट करती है, जो बिहार के स्थायी निवासी हैं. इसका लाभ उन्हें मिलता है, जो इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) उत्तीर्ण हैं और आगे की पढ़ाई नहीं कर रहे हैं या उनके पास नौकरी नहीं है.

बिना ब्याज का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड

12वीं पास छात्रों को 4,00,000 रुपये तक का ब्याज-मुक्त शिक्षा लोन के लिए इस स्कीम की शुरुआत की गई. छात्र उच्च शिक्षा आर्थिक बाधाओं से मुक्त होकर जारी रख सकें, इस उद्देश्य के साथ इस स्कीम को लॉन्च किया गया. इसके तहत आप चाहे किसी भी कैटेगरी में आते हों, आप स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं. साल 2016 में गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्कीम को लॉन्च किया था.

सामाजिक सुरक्षा और सामान्य कल्याण

पेंशन में बड़ा इजाफा

हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी कर राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये किया गया है, जिससे लगभग एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को फायदा मिला.

125 यूनिट मुफ्त बिजली

अगस्त 2025 से राज्य सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की, जिसे एक बड़े राहत पैकेज के रूप में देखा जा रहा है.

इन्फ्रास्ट्रक्चर को गति देने वाला ‘सात निश्चय’

सात निश्चय कार्यक्रम में ग्रामीण और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान शामिल हैं, जैसे—

नीतीश कुमार की इन योजनाओं ने उन्हें बिहार में एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया है, जिनकी राजनीति का आधार महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण गरीबों का भरोसा है. चाहे इसे कल्याणकारी राजनीति कहा जाए या चुनावी रणनीति, इन योजनाओं ने नीतीश कुमार की राजनीतिक पहचान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है.

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