कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने सुनाई ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ दो महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं. सोफिया सेना की पहली महिला हैं जिन्होंने फोर्स 18 का नेतृत्व किया.

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी पाकिस्तान पर हुए हमले की जानकारी साझा की .

Colonel Sophia Qureshi Wing Commander Vyomika Singh: भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सैलानियों पर हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए 7 मई को पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई ठिकानों पर हमला किया. सेना और एयरफोर्स के इस संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया और बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबर है. यह हमला न केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK), बल्कि आतंकवाद के गढ़ माने जाने वाले बहावलपुर तक पहुंचा.

इस कार्रवाई के बाद सुबह 10.30 बजे एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ दो महिला सैन्य अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी पाकिस्तान पर हुए हमले की जानकारी साझा की . इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद देशभर में इन दो महिला अधिकारियों के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है. आइए जानते हैं, कौन हैं ये दो जांबाज अफसर.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

गुजरात की रहने वाली सोफिया ने बायोकेमिस्ट्री से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. वह सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 1999 में सेना में शामिल हुई थीं. तब उनकी उम्र मात्र 17 साल की थी. वह सेना के सिग्नल कॉर्प्स की अधिकारी हैं. सोफिया का बैकग्राउंड भी आर्मी का है. उनके दादा भी सेना से जुड़े थे और उनके पति भी सेना की मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं . सोफिया भारतीय सेना में पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने आर्मी के ट्रेनिंग एक्सरसाइज फोर्स 18 का नेतृत्व किया है.

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विंग कमांडर व्योमिका सिंह

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पहले National Cadet Corps (NCC) जॉइन किया और फिर इंजीनियरिंग पूरी की. 18 दिसंबर 2019 को उन्हें भारतीय वायुसेना में हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में फ्लाइंग ब्रांच में परमानेंट कमीशन मिला. उन्होंने 2,500 से अधिक घंटे उड़ान भरी है और Chetak व Cheetah जैसे हेलिकॉप्टरों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में उड़ाया है. उन्होंने कई रेस्क्यू मिशनों में अहम भूमिका निभाई, जिनमें अरुणाचल प्रदेश में नवंबर 2020 का ऑपरेशन प्रमुख है. इसके अलावा, 2021 में वे 21,650 फीट ऊंचे माउंट मणिरंग पर आयोजित त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा रहीं.