दिल्ली से गुजरात तक अरावली रेंज में नहीं मिलेगी नई माइनिंग लीज, केंद्र का बड़ा आदेश…खनन पर कड़ी नजर
एक आदेश में मंत्रालय ने कहा कि यह रोक पूरी अरावली रेंज पर समान रूप से लागू होगी और इसका मकसद अवैध और अनियमित माइनिंग गतिविधियों पर रोक लगाकर इस प्राचीन भूवैज्ञानिक रेंज की अखंडता को बनाए रखना है. लंबे समय से अंधाधुंध माइनिंग और पर्यावरण के खराब होने को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं.
अरावली रेंज की सुरक्षा के लिए एक बड़े कदम के तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों को दिल्ली से गुजरात तक फैली अरावली रेंज में किसी भी नई माइनिंग लीज देने पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्देश दिया है. मंगलवार को जारी एक आदेश में मंत्रालय ने कहा कि यह रोक पूरी अरावली रेंज पर समान रूप से लागू होगी और इसका मकसद अवैध और अनियमित माइनिंग गतिविधियों पर रोक लगाकर इस प्राचीन भूवैज्ञानिक रेंज की अखंडता को बनाए रखना है.
अंधाधुंध माइनिंग बनी है चिंता
ये निर्देश अरावली को गुजरात से नेशनल कैपिटल रीजन तक फैली एक लगातार पहाड़ी श्रृंखला के तौर पर सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं, जबकि लंबे समय से अंधाधुंध माइनिंग और पर्यावरण के खराब होने को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं.
केंद्र ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) को अरावली में ऐसे और इलाकों की पहचान करने का काम भी सौंपा है, जहां सरकार द्वारा पहले से बैन किए गए जोन के अलावा माइनिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए. पहचान करने का यह काम इकोलॉजिकल, जियोलॉजिकल और लैंडस्केप-लेवल के आधार पर किया जाएगा.
सस्टेनेबल माइनिंग
इस प्रोसेस के तहत ICFRE को पूरे अरावली क्षेत्र के लिए सस्टेनेबल माइनिंग (MPSM) के लिए एक व्यापक, विज्ञान-आधारित मैनेजमेंट प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है. यह प्लान कुल पर्यावरणीय प्रभावों और इकोलॉजिकल कैरिंग कैपेसिटी का आकलन करेगा, संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण और इकोलॉजिकली संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करेगा और बहाली और पुनर्वास के उपायों की रूपरेखा तैयार करेगा. ड्राफ्ट प्लान को स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय टोपोग्राफी, बायोडायवर्सिटी और इकोलॉजिकल स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, इस कदम से अरावली में खनन से सुरक्षित क्षेत्र का और विस्तार होगा.
पर्यावरण सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन करने के निर्देश
पहले से चल रहे खनन कार्यों के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को पर्यावरण सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. चल रही खनन गतिविधियों को सख्ती से रेगुलेट किया जाएगा, और पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल खनन तरीकों को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे.