पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना का संदेश “भय बिनु होय ना प्रीत” नुकसान को खुद जिम्मेदार

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोमवार को भरतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आतंक के लिए लड़ने का फैसला किया, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा. इसके साथ ही कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत पर हमले के लिए इस्तेमाल की गई चीनी मिसाइलें बुरी तरह फेल साबित हुईं. इसके साथ कहा गया हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को भेदना मुश्किल है.

ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी देते हुए तीनों सेनाओं के कमांडर Image Credit: @ani

भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने एक साझा प्रेस वार्ता में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारी आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया. लेकिन, पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों की तरफ से लड़ने का कदम उठाया, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने आत्मरक्षा के लिए उन ठिकानों पर हमला किया, जहां से पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना और आम नागरिकों पर हमले कर रही थी.

इस प्रेस वार्ता में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल एके भारती, और वाइस एडमिरल एनएन प्रमोद शामिल हुए. ले. जनरल घई ने सेना के लैंड ऑपरेशन्स के बारे में जानकारी दी, एयर मार्शल एके भारती ने भारतीय वायु सेना के ऑपरेशन्स के बारे में बताया और वाइस एडमिरल प्रमोद ने भारतीय नौसेना के योगदान के बारे में बताया.

याचना नहीं अब रण होगा

सेना की ब्रीफिंग की शुरूआत राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्ति ‘याचना नहीं अब रण होगा’ से की गई. एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि चीन की मिसाइल PL-15 को हमने मार गिराया है. वहीं, पाकिस्तानी ड्रोन लेजर गन से मार गिराए गए हैं. साथ ही हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को भेदना मुश्किल है. पिछले कुछ सालों में सेना का आधुनिकरण हुआ है.

हमने अपने मिशन को अचीव किया

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौसेना को जिम्मेदारी दी गई, उसे नौसेना ने पूरी तरह से निभाया और जो इस साझा मिशन में हमारा लक्ष्य था, वह हमने हासिल किया. उन्होंने कहा कि अरब सागर में हमने लगातार नजर बनाए रखी और किसी भी संदिग्ध ऑब्जेक्ट को भारतीय सीमा के कई सौ किलो मीटर तक पास नहीं आने दिया.

मिलकर दिया मिशन को अंजाम

डीजीएमओ ले. जनरल घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं का साझा ऑपरेशन था. इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं के रिर्सोसेज और एक्सपर्टीज का इस्तेामल किया गया.

न्यूक्लियर साइट पर हमला नहीं

प्रेस वार्ता के दौरान जब पूछा गया कि क्या भारतीय कार्रवाई में पाकिस्तान की किसी न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाया गया, तो इसके जवाब में कहा गया कि भारतीय र्कारवाई में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. भारत ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया है, उन्हें सबूत के साथ सबके सामने पहले की पेश कर दिया गया है. ब्रीफिंग के आखिर में जब पूछा गया कि रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी की पंक्ति, याचना नहीं अब रण होगा कि जरिये क्या संदेश दिया गया है. इसके जवाब में कहा गया कि, सझमदार के लिए इशारा काफी होता है. इसके साथ ही रामायण की चौपाई, “भय बिनु होई न प्रीत ” को भी रिसाइट किया गया.

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