कर्नाटक में UPI पेमेंट से क्यों डर रहे दुकानदार, क्या CM सिद्धारमैया आश्वासन दूर करेगा डर?

कर्नाटक में कई छोटे व्यापारी हाल ही में UPI भुगतान लेने से बचने लगे हैं क्योंकि उन्हें GST विभाग से भारी-भरकम नोटिस मिल रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में 9,000 से अधिक छोटे दुकानदारों, जिनमें सब्जी बेचने वाले भी शामिल हैं, को लाखों रुपये के टैक्स नोटिस जारी किए गए. एक सब्जी विक्रेता को ₹29 लाख का नोटिस तब मिला जब उसके बैंक खाते में UPI से आए ट्रांजैक्शन्स को कारोबार की आय मान लिया गया. GST के एल्गोरिद्म-आधारित सर्विलांस सिस्टम ने UPI पेमेंट्स को सीधे व्यापारिक लेन-देन मानते हुए टैक्स आकलन कर दिया, जिससे कई मामलों में गलत अलर्ट ट्रिगर हुए. छोटे व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की नोटिस से वे कैश लेन-देन की ओर लौटने को मजबूर हो रहे हैं क्योंकि डिजिटल पेमेंट्स अब टैक्स का खतरा बन गए हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनका टर्नओवर सीमा से कम है, उन्हें पैनिक करने की जरूरत नहीं, नोटिसों में स्पष्टीकरण देकर मामला सुलझाया जा सकता है. हालांकि, इस घटना ने डिजिटल इंडिया के विज़न पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उपभोक्ताओं के लिए भी इसका असर दिख रहा है, क्योंकि कई जगह UPI स्वीकार नहीं किया जा रहा. विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल पारदर्शिता छोटे व्यापारियों के लिए वरदान के बजाय फंदा बनती जा रही है, खासकर तब जब एल्गोरिद्म गलत संकेत पकड़कर उन्हें अनावश्यक टैक्स जांच में उलझा देते हैं.