कौनसा दुख सता रहा, जो हर 5वां अमीर भारतीय चाहता है विदेश में बसना; सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली वजह
भारत के अमीर भारत से बाहर बस रहे हैं. 2014 के बाद से 35 हजार से ज्यादा High Net worth Individual भारत छोड़कर विदेश में जा बसे हैं. इसके अलावा देश में मौजूद हर पांचवां सुपर रिच शख्स भारत से बाहर बसना चाहता है. कोटक के एक सर्वे में देश छोड़ने के पीछे चौंकाने वाली वजह सामने आई है.

भारत के 22 फीसदी सुपर रिच देश छोड़कर विदेश में बसना चाहते हैं. मोटे तौर पर देखा जाए, तो हर पांचवां अमीर भारतीय भारत में बिजनेस तो करना चाहता है, लेकिन खुद विदेश में जाकर बसना चाहता है. कोटक प्राइवेट की तरफ से किए गए एक सर्वे में यह सामने आया है. इस सर्वे में देश के 150 सुपर रिच से तमाम तरह के सवाल पूछे गए. इन्हीं में से एक सवाल भारत या विदेश में रहने को लेकर पूछा गया, जिसके जवाब में 22 फीसदी सुपर रिच ने कहा कि वे भारत के बाहर रहना पसंद करेंगे.
कहां बसना चाहते हें सुपर रिच?
सर्वे में शामिल ज्यादातर अमीरों ने असने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा सबसे पसंदीदा जगह बताया. इसके अलावा ज्यादातर अमीरों ने संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE की गोल्डन वीजा स्कीम को शानदार बताते हुए दुबई जैसे शहरों में भी बसने की योजना को पंसद किया है.
क्यों छोड़ना चाहते हैं भारत?
ये वे भारतीय हैं, जिन्हें भारत में बिजनेस करने पर अकूत दौलत मिली है. आगे भी ये भारत में ही बिजनेस करते रहना चाहते हैं. लेकिन, रहने के लिए अब इन्हें भारत पसंद नहीं है. उन्हें भारत में खासतौर पर यहां लिविंग कंडिशन से शिकायत है. इनका कहना है कि भारत में स्टैंडर्ड ऑफ लाइफ अच्छा नहीं है. इसके अलावा कुछ का कहना है कि भारत में बिजनेस का माहौल भी आसान नहीं है.
रिपोर्ट में सामने आया बड़ा सच
देश की लीडिंग एसेट मैनेजमेंट कंपनी कोटक प्राइवेट ने कंसल्टेंसी फर्म EY के साथ मिलकर किए सर्वे में बताया कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक हर साल 25 लाख भारतीय दूसरे देशों में प्रवास करते हैं. इनमें से ज्यादातर भी विदेश में बसने की चाहत रखते हैं.
सर्वे के नतीजों में क्या?
सर्वे के निष्कर्ष में कहा गया है कि जिन 150 सुपर रिच को सर्वे में शामिल किया गया है, असल में उनमें से प्रत्येक पांचवां शख्स भारत से बाहर बसने की प्रक्रिया में है या प्रवास की योजना बना रहा है. हालांकि, इनमें से ज्यादातर अपनी भारतीय नागरिकता को बरकरार रखते हुए अपनी पसंद के मेजबान देश में स्थायी रूप से निवास करना चाहते हैं.
क्या अमीरों के साथ बाहर जा रहा देश का पैसा
कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष गौतमी गवनकर का कहना है कि इन अमीरों के देश छोड़ने को देश की पूंजी के पलायन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों पर सीमा यह सुनिश्चित करती है कि अगर कोई व्यक्ति निवास स्थान बदलता है, तो भी पैसा बाहर नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला एक भारतीय नागरिक प्रति वर्ष केवल 2,50,000 अमरीकी डॉलर ही देश से बाहर निकाल सकता है, जबकि एक अनिवासी को 1 मिलियन अमरीकी डॉलर की अनुमति है, जो यह सुनिश्चित करता है कि पूंजी का पलायन न हो.
Latest Stories

PM मोदी ने वाराणसी से जारी की पीएम-किसान की 20वीं किस्त, काशी को मिली 2183 करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी जल्द करेंगे मध्य प्रदेश का दौरा, भोपाल मेट्रो का उद्घाटन और धार में पीएम मित्र पार्क का करेंगे भूमि पूजन

71st National Film Awards: शाहरुख को मिला पहला नेशनल अवॉर्ड, विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी ने भी जीता दिल
