RBI गवर्नर भारतीय नोटों पर क्यों करते हैं साइन, वजह है बेहद खास
नए गवर्नर के साथ ही नोटों पर होने वाले हस्ताक्षर भी बदल जाएंगे. नोटों के सिग्नेचर में अब राजस्थान के बीकानेर के संजय मल्होत्रा का नाम होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोटों पर गवर्नर साइन क्यों करते हैं?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा बन गए हैं. गुरुवार, 12 दिसंबर को बतौर गवर्नर उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत की है. संजय मल्होत्रा ने शक्तिकांत दास की जगह ली है जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो गया. भारत में RBI को बैंकों का बैंक कहते हैं.
देश की इकोनॉमिक मैकेनिज्म को रिजर्व बैंक ही हैंडल करती है. नए गवर्नर के साथ ही नोटों पर होने वाले हस्ताक्षर भी बदल जाएंगे. नोटों के सिग्नेचर में अब राजस्थान के बीकानेर के संजय मल्होत्रा का नाम होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोटों पर गवर्नर साइन क्यों करते हैं?
RBI गवर्नर के पास है जिम्मेदारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के जरिये करेंसी मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 22, रिजर्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार दिया है.
क्यों होती है नोटों पर RBI गवर्नर की साइन?
भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले नोटों पर RBI गवर्नर के साइन होते हैं. नोटों पर साइन होने की भी एक वजह होती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि नोट को वैध घोषित किया जा सके. भारतीय करेंसी नोटों पर RBI के साइन होने से पता चलता है कि यह नोट वैलिड है. गवर्नर के साइन के साथ जब नोट जारी होता है, उसमें इस बात की गारंटी दी जाती है कि नोट के मूल्य के बराबर रकम का पेमेंट करने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक के पास है.
इस नोट पर नहीं होती गवर्नर की साइन, क्या है वजह?
भारत में इस्तेमाल होने वाले सभी नोटों पर RBI के गवर्नर की साइन होती है सिवाय एक नोट के. वह है 1 रुपये का नोट. 1 रुपये के नोट पर RBI गवर्नर की जगह पर वित्त सचिव का हस्ताक्षर होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 1 रुपये के नोट को RBI नहीं बल्कि वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है. इसके अलावा सभी नोटों पर RBI गवर्नर के साइन होते हैं.
कौन हैं RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. उन्होंने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की. 33 साल के अपने करियर में उन्होंने बिजली, फाइनेंस और टैक्सेशन जैसे तमाम सेक्टरों में काम किया है. गवर्नर के पद को संभालने से पहले संजय मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में काम कर रहे थे.
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