अब लिव-इन पार्टनर भी ले सकेंगे फैमिली पॉलिसी, भाई-बहन भी दायरे में, इन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने की शुरूआत

भारत के हेल्थ इन्श्योरेन्स सेक्टर में पहली बार भाई-बहनों और लिव-इन पार्टनर को एक ही रिटेल पालिसी में शामिल करने की अनुमति दी गई है. बीमा कंपनियों ने परिवार कवरेज की परिभाषा का बदलते हुए इसे आधुनिक घरेलू स्ट्रक्चर के अनुरूप बनाया है. ग्राहकों को अब अधिक लचीला और किफायती हेल्थ कवरेज मिलेगा.

हेल्थ इंश्योरेंस Image Credit: Getty image

Health insurance India: भारत में हेल्थ इंश्योरेंस मार्केट अब और अधिक समावेशी होता दिख रहा है. बीमा कंपनियों ने सिंगल रिटेल पालिसी के अन्तर्गत कवर किए जा सकने वाले परिवार के सदस्यों की सूची का विस्तार किया है. CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अपडेट से पालिसीधारकों को भाई-बहनों और लिव-इन पार्टनर्स को शामिल करने की अनुमति दे दी गई है. यह सुविधा पहले अधिकतर रिटेल प्रोडक्ट्स में उपलब्ध नहीं थी.

पहले की पालिसियों में कहां थी कमी

कई वर्षों तक रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस पालिसियों में केवल पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता, ससुराल पक्ष के माता-पिता और दादा-दादी को ही शामिल किए जाने का प्रावधान था. ऐसे में वे परिवार, जिनमें भाई-बहन साथ रहते हैं या जहां लिव-इन संबंधों में आर्थिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी जिम्मेदारियां साझा होती हैं, उनका कवरेज संभव नहीं था.

पॉलिसीबाजार के अनुसार यह व्यवस्था आधुनिक भारत की वास्तविक परिस्थितियों से मेल नहीं खाती थी. महानगरों में बड़ी संख्या में युवा भाई-बहन एक ही घर में रहते हुए खर्चे साझा करते हैं, वहीं लिव-इन में रहने वाले जोड़े लम्बे समय से एक समान स्वास्थ्य सुरक्षा चाहते थे.

कवरेज क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं किया गया

यह सुधार केवल पात्र सदस्यों की सूची को बढ़ाता है, जबकि पालिसी की मौलिक शर्तें, जैसे इन्क्लूजन्स, एक्सक्लूजन्स, वेटिंग पीरियड्स, बेनिफिट्स और अण्डरराइटिंग नॉर्म्स ज्यों के त्यों बनी रहेंगी. पॉलिसीबाजार का कहना है कि इससे ग्राहकों को भरोसेमन्द कवरेज के साथ अधिक फ्लेक्सिबल विकल्प मिलेंगे. इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि नये लाभार्थी जुड़ने पर भी क्लेम प्रक्रिया या कवरेज क्वालिटी में कोई कमी नहीं आएगी.

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किसने शुरू की नई सुविधा

आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने इस सुविधा को आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आने वाले महीनों में और भी कंपनियां इस मॉडल को अपनाएंगी, क्योंकि परिवारिक स्ट्रक्चर लगातार बदल रहा है और हेल्थ इन्श्योरेन्स भी उसी दिशा में विकसित हो रहा है. नई व्यवस्था के बाद परिवार अपनी दीर्घकालिक स्वास्थ्य योजना को अधिक व्यवहारिक और किफायती तरीके से बना सकेंगे.

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