इन 2 सरकारी इंश्योरेंस स्कीम में मिलेगा 3 लाख का फायदा! अभी लगते हैं 20 और 436 रु, जानें पूरा प्लान
सरकार PMJJBY और PMSBY में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. इन दोनों बीमा योजनाओं में कवर दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक करने का विकल्प दिया जा सकता है, जिसके लिए ग्राहकों को ज्यादा प्रीमियम देना होगा. सरकार चाहती है कि ये योजनाएं ज्यादा सरल और प्रभावी बनें. साथ ही, तीन साल का प्रीमियम एक साथ भरने और डिजिटल माध्यम से रिन्यूअल आसान करने जैसे सुझाव भी शामिल हैं.
PMJJBY PMSBY: सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) में बड़ा बदलाव कर सकती है. चर्चा है कि दोनों योजनाओं में बीमा कवर की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का विकल्प दिया जा सकता है. इसके लिए ग्राहकों को थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना होगा. सरकार का लक्ष्य इन योजनाओं को और सरल, प्रभावी और यूजर के अनुकूल बनाना है. इसके लिए आईआरडीएआई ने एक वर्किंग ग्रुप भी बनाया है.
बीमा कवर पांच लाख तक बढ़ाने की तैयारी
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ऐसी व्यवस्था ला सकती है जिससे ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार बीमा कवर दो लाख की जगह पांच लाख तक चुन सकेंगे. यह विकल्प ज्यादा प्रीमियम देकर उपलब्ध होगा. उद्देश्य यह है कि योजनाएं समय के साथ रेलेवेंट बनी रहें और ग्राहकों को महंगाई को देखते हुए बेहतर सुरक्षा मिले. अभी, PMJJBY के तहत 2 लाख सम एश्योर्ड के लिए सालाना प्रीमियम ₹436 है. वहीं, PMSBY के लिए सालाना प्रीमियम ₹20 है.
प्रीमियम पहले से चुकाने का विकल्प
प्रस्ताव में यह भी शामिल है कि ग्राहक तीन साल तक का प्रीमियम एक साथ जमा करा सकेंगे. इससे बैंक बैलेंस की कमी और ऑटो डेबिट फेलियर जैसी समस्याओं के कारण होने वाली योजना की बंदी को रोका जा सकेगा.
योजनाओं का बड़ा सब्सक्राइबर बेस
PMJJBY और PMSBY देश की सबसे बड़ी बीमा योजनाओं में से एक हैं. दोनों योजनाओं में कुल 75 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं. PMJJBY में 18 से 50 वर्ष के लोगों को दो लाख का जीवन बीमा मिलता है जबकि PMSBY 18 से 70 वर्ष के लोगों को दो लाख का दुर्घटना बीमा देती है.
दो लाख का बीमा पर्याप्त नहीं
जानकारों का मानना है कि दो लाख रुपये का बीमा अब पर्याप्त नहीं है. बढ़ती महंगाई और इलाज के खर्च के कारण परिवार को बेहतर सुरक्षा देने के लिए कवर बढ़ाना जरूरी है. साथ ही योजनाओं को सरल, टिकाऊ और बेहतर लक्ष्य पर आधारित बनाने की जरूरत है.
डिजिटल सिस्टम से होगा सुधार
UPI, आधार, जन धन, और डिजिटल बैंकिंग यूनिट जैसे सिस्टम की उपलब्धता से योजनाओं में ऑनबोर्डिंग और रिनेवल आसान हो सकता है. इससे क्लेम निपटान भी तेजी से हो सकेगा. कई जानकारों का कहना है कि कवर पांच लाख करने से प्रीमियम भी बढ़ेगा. इससे कमजोर वर्ग के लोग योजना से बाहर हो सकते हैं. इसलिए सरकार को सब्सिडी, टियर मॉडल या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसे विकल्पों पर विचार करना होगा.