IRDAI ने पॉलिसी बाजार पर ठोका 5 करोड़ का जुर्माना, इंश्योरेंस के नियमों की धज्जिंया उड़ा रही थी कंपनी
बीमा नियामक IRDAI ने इंश्योरेंस ब्रोकरेज सेवाएं देने वाली टेक फर्म पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. बीमा नियामक के मुताबिक कंपनी इंश्योरेंस के नियमों का उल्लंघन कर रही थी.

IRDIA Action on Policybazar: देश के बीमा नियामक Insurance Regulatory and Development Authority of India ने पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. IRDIA की तरफ से कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया गया है कि कंपनी ने बीमा अधिनियम, 1938 और जुड़े नियमों का उल्लंघन किया है. इस संबंध में IRDIA की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि कंपनी ने कई उल्लंघन किए हैं. इसके साथ ही, IRDAI ने कंपनी को निर्देश, परामर्श और चेतावनी भी जारी की है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके.
क्यों हुआ पॉलिसीबाजार पर एक्शन?
IRDAI की जांच में पॉलिसीबाजार के ऑपरेशन से जुड़ी कई तरह की गंभीर कमियां और नियमों के उल्लंघन पाए गए. IRDIA की तरफ से जून 2020 में कंपनी का रिमोट इंस्पेक्शन किया, जिसमें कई तरह की गड़बड़ियां सामने आईं. इसके बाद 2024 में शो कॉज नोटिस जारी किया गया और 2025 में हुई सुनवाई के बाद जुर्माने का आदेश दिया गया है.
कौनसे गंभीर उल्लंघन किए गए?
IRDIA की तरफ से जारी आदेश में कंपनी पर लगाए गए जुर्माने के पीछे सबसे बड़ा कारण डायरेक्टर्स के हितों का टकराव और पारदर्शिता की कमी को बताया है. आदेश में बताया गया है कि कंपनी के कई Key Managerial Personnel और प्रिंसिपल ऑफिसर अन्य कंपनियों के निदेशक भी थे, जो नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा कंपनी ने इस तरह की नियुक्तियों के बारे में सयम पर जानकारी नहीं दी और IRDAI की पूर्व अनुमति भी नहीं ली.
वेबसाइट पर अनुचित प्रचार
कंपनी ने केवल 5 ULIP योजनाओं को “Top Products” और कुछ योजनाओं को “Best Life Insurance Plans” बताकर प्रदर्शित किया, जो नियमों का उल्लंघन है और उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है.
प्रीमियम कलेक्शन में देरी
पॉलिसीबाजार ने अपने नोडल अकाउंट से बीमा प्रीमियम की वसूली की और कई मामलों में इसे 24 घंटे की समयसीमा के भीतर बीमाकर्ताओं को नहीं भेजा, जो बीमा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है.
आउटसोर्सिंग में गड़बड़ी
कई बीमाकर्ताओं के साथ आउटसोर्सिंग एग्रीमेंट्स में सेवाओं और शुल्क की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई. कंपनी ने “per seat” आधार पर चार्ज किया, जो नियामकीय रूप से संदिग्ध माना गया है.
कॉल रिकॉर्डिंग और AV टैगिंग की कमी
टेलीमार्केटिंग के जरिये बेची गई पॉलिसियों के लिए कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं कराई गई. इसके अलावा ज्यादातर पॉलिसियों को Authorized Verifier से टैग नहीं कराया गया.
ज्यादा कमीशन
पॉलिसीबाजार ने कुछ हेल्थ पॉलिसियों पर अनुमति से ज्यादा कमीशन लिया. इसके अलावा कंपनी के कई कर्मचारियों के पास व्यक्तिगत बीमा एजेंसी लाइसेंस था, जो नियमों के खिलाफ है.
IRDAI ने क्या कार्रवाई की?
इस मामले में IRDIA ने सभी उल्लंघनों के लिए कुल 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना अलग-अलग प्रावधानों के तहत है. इसके अलावा कंपनी को सुधारात्मक कदम उठाने, कॉल रिकॉर्ड्स और प्रक्रियाओं की ऑडिट कराने और 90 दिनों के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही कंपनी को चेतावनी दी गई कि भविष्य में ऐसे उल्लंघन पाए जाने पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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