
Health Insurance लेते समय Pre Existing Disease डिक्लेयर करना क्यों है जरूरी? नहीं तो हो जाएगा भारी नुकसान!
Health Insurance लेते समय कई लोग Pre-Existing Disease (PED) को छुपा लेते हैं, ये सोचकर कि कहीं पॉलिसी रिजेक्ट न हो जाए या प्रीमियम ज्यादा न देना पड़े. लेकिन ये सोच आगे चलकर भारी पड़ सकती है. अगर आपने बीमारी छुपाई और बाद में क्लेम किया, तो इंश्योरेंस कंपनी उसे अस्वीकार कर सकती है.
कई बार लोग सोचते हैं कि मामूली BP, डायबिटीज़ या थायरॉइड जैसी बीमारियां बताने की जरूरत नहीं, लेकिन ये ही बाद में बड़ी वजह बन सकती हैं क्लेम रिजेक्शन की.
पॉलिसी लेते समय अगर आप सारी मेडिकल जानकारी ईमानदारी से शेयर करते हैं, तो क्लेम के समय आपका केस मजबूत रहता है. साथ ही, कुछ सालों के वेटिंग पीरियड के बाद बीमा कंपनियां PED को भी कवर करती हैं. इसलिए इस वीडियो में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि Pre-Existing Disease को छुपाना क्यों नहीं चाहिए और क्या है इसका सही तरीका.
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