2500 करोड़ के वैल्यूएशन वाली ये कॉस्मेटिक कंपनी लाएगी IPO, MAC-Bobbi Brown जैसे ग्लोबल ब्रांड्स को देती है सीधा टक्कर

भारतीय सौंदर्य उद्योग की एक जानी-मानी कंपनी अब कुछ ऐसा करने जा रही है जो इस सेक्टर को नए मुकाम तक ले जा सकता है. ब्रांड का यह फैसला ना सिर्फ निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी धमक सुनाई दे सकती है. पूरी जानकारी जानिए खबर में.

कलपबार का आईपीओ Image Credit: Money9 Live

देश की प्रमुख ब्यूटी और स्किनकेयर ब्रांड Colorbar अब खुद को सिर्फ मेकअप तक सीमित नहीं रखना चाहती. दो दशकों से सौंदर्य जगत में मौजूद इस कंपनी ने अब अपनी अगली मंजिल तय कर ली है, जो है शेयर बाजार. Colorbar Cosmetics के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर समीर मोदी ने हाल ही में रॉयटर्स को बताया कि कंपनी 2027 की शुरुआत में अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है.

राजस्व दोगुना, प्लान बड़ा

समीर मोदी के मुताबिक, Colorbar ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का लक्ष्य तय किया है जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना है. कंपनी ने नए प्रोडक्ट लॉन्च, स्टोर डिजाइन अपग्रेड और ब्रांडिंग में सुधार के जरिए यह उपलब्धि हासिल करने का प्लान तैयार किया है.

Colorbar की वैल्यूएशन इस समय 2,500 करोड़ से 3,500 करोड़ रुपये के बीच है. मोदी का कहना है कि आईपीओ से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल कंपनी स्किनकेयर और परफ्यूम सेगमेंट को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के अधिग्रहण के लिए करेगी. इसमें अमेरिका और मिडिल ईस्ट जैसे बाजारों में विस्तार की योजना भी शामिल है.

रिटेल नेटवर्क और ग्लोबल एक्सपेंशन की तैयारी

हालांकि Colorbar को Sugar Cosmetics, MyGlamm जैसे देशी ब्रांड्स और MAC, Bobbi Brown जैसे ग्लोबल ब्रांड्स इसके साथ कंपटीशन में है, लेकिन कंपनी पिछले वित्त वर्ष में लगभग ब्रेक ईवन पर रही है, जो संकेत देता है कि उसका बिजनेस मॉडल स्थिरता की ओर है.

यह भी पढ़ें: IPO लाने से पहले छवि सुधारने की हर कोशिश में Groww, 1250 करोड़ रुपये में खरीद डाली ये कंपनी

कंपनी की वर्तमान में 100 से अधिक एक्सक्लूसिव स्टोर्स हैं और यह Shoppers Stop व Lifestyle जैसे मल्टी-ब्रांड रिटेलर्स के जरिए 1,200 से अधिक आउटलेट्स में मौजूद है. कंपनी इस साल 15 से 20 नए स्टोर खोलने की योजना पर काम कर रही है. वहीं, आने वाले पांच वर्षों में कुल राजस्व का 25 फीसदी हिस्सा एक्सपोर्ट्स से लाने का लक्ष्य भी तय किया गया है.