IPO लाने से पहले छवि सुधारने की हर कोशिश में Groww, 1250 करोड़ रुपये में खरीद डाली ये कंपनी

देश की एक बड़ी फिनटेक कंपनी ने हाल ही में ऐसा कदम उठाया है जो न केवल उसके विस्तार की कहानी बयां करता है, बल्कि आने वाले समय में IPO बाजार की दिशा भी तय कर सकता है. डील की रकम और निवेश की टाइमिंग ने बाजार में हलचल मचा दी है.

Groww बढ़ा रहा अपना कारोबार Image Credit: TV9 Bharatvarsh

देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म Groww ने आईपीओ से ठीक पहले एक बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने वेल्थ मैनेजमेंट स्टार्टअप Fisdom को 150 मिलियन डॉलर (करीब 1,250 करोड़ रुपये) में पूरी तरह से कैश डील के तहत खरीदने का करार किया है. जानकारों की मानें तो यह डील Groww के शेयर बाजार में उतरने से पहले उसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने के लिए की गई है. कंपनी अगले दो से तीन महीनों में SEBI की मंजूरी के बाद इस अधिग्रहण को पूरा करेगी.

GIC से 7 अरब डॉलर वैल्यूएशन पर फंडिंग

इस अधिग्रहण के साथ-साथ Groww ने सिंगापुर की निवेश कंपनी GIC से 150 मिलियन डॉलर का निवेश भी हासिल किया है. यह निवेश कंपनी के 250-300 मिलियन डॉलर के प्री-IPO फंडिंग राउंड का हिस्सा है, जिसकी बाकी राशि अगले दो हफ्तों में जुटाई जानी है. इस निवेश के बाद Groww की वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर हो गई है.

Fisdom, जिसकी शुरुआत 2015 में आनंद डालमिया और सुब्रमण्या एस.वी. ने की थी, म्यूचुअल फंड, शेयर, बॉन्ड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और टैक्स फाइलिंग सेवाएं देती है. इसके 15 शहरों में ऑफिस हैं और एक मिलियन से ज्यादा ग्राहक हैं. FY24 में कंपनी का रेवेन्यू 84 करोड़ रुपये रहा, जबकि घाटा घटकर 57.4 करोड़ रुपये रह गया. खास बात यह है कि मार्च तिमाही में कंपनी ने EBITDA लेवल पर मुनाफा भी कमाया.

IPO लाने से पहले कारोबार बेहतर करने का प्रयास

2016 में म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफॉर्म के तौर पर शुरू हुई Groww ने 2020 में स्टॉक्स, ETF और IPO जैसे प्रोडक्ट्स लॉन्च किए. FY24 में इसका रेवेन्यू 3,145 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल 1,435 करोड़ रुपये था. हालांकि 1,340 रुपये करोड़ के डोमिसाइल टैक्स के चलते कंपनी को 805 करोड़ रुपये का नेट लॉस दिखाना पड़ा.

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Groww का IPO ऐसे समय में आ रहा है जब ब्रोकरेज सेक्टर कई चुनौतियों से गुजर रहा है. निवेशकों की संख्या में गिरावट, एक्सचेंज इंसेंटिव में कटौती, और फ्यूचर्स-ऑप्शन्स पर सख्ती जैसे कारणों से बड़े ब्रोकर्स की कमाई पर असर पड़ा है. अप्रैल में Groww के एक्टिव इन्वेस्टर्स में 75,000 की गिरावट देखी गई, जबकि Zerodha लगातार पांच महीने से ग्राहक खो रही है.