राम मंदिर से नाता, IPO मिलने के सबसे ज्यादा चांस, GMP भी तेज, जानें कंपनी में कितना दम
IGI IPO या इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है लेकिन पहले दिन इसे अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली. हालांकि ग्रे मार्केट में इसकी चर्चा काफी है, फिलहाल यह 17 दिसंबर तक खुला है. चलिए जानते हैं क्या है इसका GMP?
IGI IPO: जनवरी 2024 में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बने राम मंदिर का उद्घाटन किया. इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया गया था क्योंकि ये करोड़ों लोगों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद खास था. शुरू से लेकर आखिरी तक कार्यक्रम एकदम परफेक्ट रहा लेकिन क्या आप यह जानते हैं, इसमें International Gemological Institute की एक अहम भूमिका रही है.
फिलहाल इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट या IGI IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है लेकिन पहले दिन इसे अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली हालांकि ग्रे मार्केट में इसकी चर्चा काफी है, फिलहाल यह 17 दिसंबर तक खुला है. इंवेस्टर गेन के मुताबिक, इसकी 23.74 फीसदी के लिस्टिंग गेन देने की संभावना है.
राम मंदिर से इसका क्या कनेक्शन है?
राम लला की मूर्ति जब सभी के सामने आई तब इस मूर्ति पर लगे आभूषणों की चर्चा खूब हुई, जैसे मुकुट, हार, कमरबंध, पायल और बिछुए. इन्हीं गहनों के हर हिस्से और क्वालिटी को प्रमाणित करने का काम IGI का था. इस मूर्ति पर लगे आभूषणों में एक भी गलती ना हो इसका जिम्मा IGI को मिला था.
IPO मिलने के सबसे ज्यादा चांस?
IGI IPO को 16 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक रिटेल निवेशकों से 1.4 गुना का सब्सक्रिप्शन मिला है, टोटल सब्सक्रिप्शन 0.37 गुना है. इसकी तुलना में Inventurus यानी IKS IPO को रिटेल से अब तक 4.26 गुना और टोटल 2.66 गुना सब्सक्रिप्शन मिल चुका है. Hamps Bio IPO को रिटेल से 140.15 गुना और टोटल 79.23 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. Yash Highvoltage IPO को रिटेल से 52.76 गुना और टोटल 34.96 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. इसलिए IGI IPO में अलॉटमेंट मिलने के चांसे ज्यादा दिखाई देते हैं.
IGI का कारोबार कैसे चलता है?
अब तक आपको IGI के काम का आइडिया लग गया होगा. खदानों से निकाले जाने वाले हीरों को छांटा, परखा, तराशा और चमकाया जाता है फिर इसे ज्वैलरी स्टोर्स तक पहुंचाया जाता है लेकिन स्टोर्स से पहुंचने के ठीक पहले इन हीरों की ग्रेडिंग और सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है, ताकि इनकी क्वालिटी और ऑथेंटिसिटी की जांच हो सके. यही काम IGI जैसे जेमोलॉजिकल लैब्स करते हैं.
1965 में शुरू हुई IGI के फाउंडर कांति देसाई हैं और डायरेक्टर राहुल देसाई हैं. IGI के पास भारत में 19 और दुनियाभर में 31 लैब्स हैं. उनकी खासियत यह है कि वे अपने सॉफ्टवेयर Swiftcert का इस्तेमाल करके हीरे और बाकी रत्नों का गहराई से मूल्यांकन करते हैं, जैसे उनका रंग, शुद्धता, आकार और वजन. वे यह भी जांचते हैं कि रत्न प्राकृतिक है या लैब में तैयार किया गया है.
यह भी पढ़ें: IGI IPO: आखिरी दिन QIB ने पलट दिया गेम, 35 गुना हुआ सब्सक्रिप्शन, लिस्टिंग पर क्या हैं GMP के इशारे?
IGI का IPO
IGI अपने IPO से 4,225 करोड़ जुटाना चाहता है, जिसमें से 2,750 करोड़ ऑफर फॉर सेल से आने हैं. इसके अलावा, कंपनी अपने बेल्जियम और नीदरलैंड्स के बिजनेस को पूरी तरह खरीदना चाहती है जो फिलहाल ब्लैकस्टोन एशिया की सहायक कंपनी है.
हालांकि, IGI को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे, प्राकृतिक हीरों की सप्लाई में रुकावट आ सकती है क्योंकि दुनिया में दो जगह संघर्ष जारी है. वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, IGI को अपने कुछ ही टॉप 15 ग्राहकों से ही 50% का रेवेन्यू आ जाता है. प्रॉफिट की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में यह 172 करोड़ रहा, 2023 में 242 करोड़ और 2024 में 325 करोड़ रहा है. इन तीन सालों में रेवेन्यू सालाना 32 फीसदी से बढ़ा और प्रॉफिट 38 फीसदी से बढ़ा है जो IPO को लेकर पॉजिटिव आंकड़े हैं.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.