Indiqube Spaces IPO को निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया, 12 गुना हुआ बुक लेकिन GMP में भारी गिरावट ने चिंता बढ़ाई

तीन दिन तक खुले इस IPO में निवेशकों ने उम्मीद से ज्यादा दिलचस्पी दिखाई. हर कैटेगरी से अच्छी बुकिंग हुई, लेकिन लिस्टिंग से पहले कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका दिया. अगर आप इसमें पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो यह रिपोर्ट आपके लिए जरूरी है.

IndiQube Spaces IPO Image Credit: money9

Indiqube Spaces के IPO को बाजार में अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. 23 जुलाई से खुले इस इश्यू ने 25 जुलाई को बंद होने तक 12.33 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया. निवेशकों की अच्छी भागीदारी देखने को मिली, लेकिन ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में तेज गिरावट ने लिस्टिंग गेन को लेकर अनिश्चितता पैदा कर दी है.

कैसा रहा सब्सक्रिप्शन का हाल?

25 जुलाई को बंद हुए Indiqube Spaces IPO को कुल मिलाकर 12.33 गुना सब्सक्राइब किया गया. कंपनी को कुल 21.14 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि ऑफर में सिर्फ 1.71 करोड़ शेयर थे.

  • खुदरा निवेशकों (Retail) ने इसे 12.55 गुना सब्सक्राइब किया.
  • हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (NII) कैटेगरी में 8.24 गुना बोलियां आईं.
  • संस्थागत निवेशकों (QIB) का रिस्पॉन्स सबसे मजबूत रहा – 14.35 गुना.
  • कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से को भी 6.56 गुना सब्सक्राइब किया गया.

GMP में बड़ी गिरावट

IPO से पहले Grey Market में इसका प्रीमियम ₹32 तक था, लेकिन इश्यू खुलते ही GMP घटकर महज 5 रुपये रह गया. यानी 237 रिपये के ऊपरी प्राइस बैंड पर लिस्टिंग की संभावना अब 242 रुपये के आसपास मानी जा रही है, जो सिर्फ 2 फीसदी का मामूली प्रीमियम है.

IPO डिटेल और फंड का इस्तेमाल

कुल 700 करोड़ रुपये के इस IPO में 650 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 50 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल शामिल था. प्राइस बैंड 225-237 रुपये तय किया गया था और मिनिमम 63 शेयरों का एक लॉट रखा गया था. कंपनी इस फंड से नए वर्कस्पेस सेंटर्स बनाएगी, कुछ कर्ज चुकाएगी और बाकी रकम सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों में लगाएगी.

कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति

पिछले तीन सालों में Indiqube लगातार घाटे में रही है. FY24 में इसका घाटा 385 करोड़ रुपये था, जो FY25 में घटकर 157.3 करोड़ रुपये रह गया. लेकिन इसी दौरान रेवेन्यू में 27.5% की ग्रोथ दर्ज हुई – 831 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,059 करोड़ रुपये रहा.

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Indiqube Spaces एक मैनेज्ड वर्कस्पेस प्रोवाइडर है जो कंपनियों के लिए कस्टमाइज्ड ऑफिस स्पेस तैयार करती है. इसका क्लाइंट बेस डाइवर्सिफाइड है और अधिकांश सेंटर्स में इसका ऑक्युपेंसी रेट अच्छा बना हुआ है.

डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.