Sagility India IPO की मामूली बढ़त के साथ लिस्टिंग, निवेशकों को मिला महज 3.53% का रिटर्न

Sagility India IPO की लिस्टिंग 12 नवंबर को हुई. यह बोली के लिए 5 से 7 नवंबर के बीच खुला था. ग्रे मार्केट में इसकी स्थिति कमजोर नजर आ रही थी, जिसका असर इसकी लिस्टिंग में भी देखने को मिला.

Sagility India IPO की लिस्टिंग Image Credit: @Tv9

Sagility India IPO का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार था, आखिरकार मंगलवार को शेयर बाजार में इसकी लिस्टिंग हो गई. BSE पर इसका शेयर अपने आईपीओ प्राइस 30 रुपये से थोड़ा बढ़कर 31.06 पर लिस्ट हुआ. ऐसे में निवेशकों को प्रति शेयर 1.06 रु या 3.53 फीसदी का ही मामूली रिटर्न मिला. NSE पर भी कंपनी का शेयर 1.06 रुपये या 3.53 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ है.

GMP में दिखी थी गिरावट

Sagility India के शेयर आज बाजार में लिस्‍ट हो गए हैं. ग्रे मार्केट में आईपीओ की स्थिति कुछ समय से कमजोर चल रही थी. इंवेस्‍टरगेन के अनुसार 12 नवंबर की सुबह तक इस आईपीओ का जीएमपी ₹0.30 दर्ज किया गया है. यह पिछले 15 सत्रों की ग्रे मार्केट गतिविधियों पर आधारित है. वर्तमान जीएमपी पहले से ही इसके फ्लैट लिस्टिंग की ओर इशारा कर रहा था. अभी तक सैजिलिटी इंडिया के आईपीओ का अधिकतम जीएमपी 3 रुपये दर्ज किया गया है.

कितना था प्राइस बैंड?

Sagility India का आईपीओ 5 नवंबर से 7 नवंबर के बीच बोली के लिए खुला था. बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने 500 शेयरों के लॉट साइज के साथ आईपीओ का प्राइस बैंड 28-30 रुपये प्रति शेयर तय किया था. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और जेपी मॉर्गन इंडिया सैगिलिटी इंडिया आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार हैं.

कितना हुआ था सब्‍सक्राइब?

कंपनी ने आईपीओ से कुल 2,106.60 करोड़ रुपये जुटाए, जो पूरी तरह से कंपनी के प्रमोटरों की ओर से 70.22 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए पेशकश (ओएफएस) थी. इस इश्यू को कुल मिलाकर केवल 3.2 गुना सब्सक्राइब किया गया. इसमें योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (क्यूआईबी) की ओर से 3.52 गुना बुक किया गया. वहीं गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के कोटे से 1.93 गुना सब्‍सक्राइब किया गया, वहीं खुदरा निवेशकों के कोटे से 4.16 गुना और कर्मचारियों के हिस्से से 3.75 गुना सब्सक्राइब किए गए.

क्‍या करती है कंपनी?

Sagility India एक हेल्थकेयर कंपनी है, जो मुख्य रूप से अमेरिकी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों पर फोकस करती है. कंपनी स्वास्थ्य सेवाओं की लागत की फंडिंग और रिफाइनेंसिंग करती हैं. यह अस्पतालों, चिकित्सकों, डायग्नोस्टिक और चिकित्सा उपकरण कंपनियों जैसे सर्विस प्रोवाइडरों को भी सेवाएं देती है.