दो दिन बाद खुल रहा स्कोडा ट्यूब्स IPO, दांव लगाने से पहले जानें कंपनी की ताकत-जोखिम और एक्सपर्ट्स की राय
स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड का IPO 28 मई से खुलने जा रहा है. कंपनी की संचालन दक्षता, विस्तार योजनाएं और चुनौतियां इसे निवेश के लिहाज से एक दिलचस्प अवसर बना रही हैं. बाजार में इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स.
Scoda Tubes IPO: 28 मई से स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड का आईपीओ निवेशकों के लिए खुल रहा है, जो 30 मई को बंद हो जाएगा. ब्रोकरेज हाउस बजाज ब्रोकिंग ने इस आईपीओ पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतने की सलाह दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड की परिचालन क्षमता और विशेषज्ञता तो मजबूत है, लेकिन मौजूदा वित्तीय संकेतक और उद्योग की चुनौतियां शेयर को ‘फेयरली वैल्यूड’ दिखाती हैं.
इश्यू डिटेल्स
स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड का आईपीओ 130 रुपये से 140 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में खुला है. इसका इश्यू साइज 220 करोड़ रुपये का है और निवेशकों को 100 शेयरों के लॉट साइज में हिस्सेदारी दी जाएगी. आईपीओ की लिस्टिंग 4 जून, 2025 को बीएसई और एनएसई पर होगी.
कंपनी ने म्यूएफजी इंटिग्रेटेड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार नियुक्त किया है जबकि मोनार्क नेटवर्क कैपिटल लिमिटेड इस इश्यू के लीड मैनेजर हैं. इस आईपीओ के लिए अलॉटमेंट 2 जून को होगा और 3 जून को रिफंड प्रक्रिया और डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट की जाएगी.
कंपनी का परिचय और मजबूती
स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड, स्टेनलेस स्टील पाइपिंग सॉल्यूशंस के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है. कंपनी न केवल उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाती है बल्कि टिकाऊ विकास और पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान देती है. इसका पोर्टफोलियो ऑस्टेनिटिक, मार्टेंसिटिक, डुप्लेक्स और सुपर डुप्लेक्स सीमलेस पाइप्स व ‘यू’ ट्यूब्स जैसी प्रीमियम श्रेणियों को कवर करता है. कंपनी की पूरी तरह एकीकृत मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी, आधुनिक सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर और अंतरराष्ट्रीय मानकों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाएं इसे कंपटीटर्श से अलग बनाती हैं. मजबूत प्रमोटर अनुभव, अंतरराष्ट्रीय मान्यता और विविध ग्राहक आधार इसके प्रमुख फायदे हैं.
विवरण | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|
संचालन से राजस्व | 3,999 | 3,051 | 1,940 |
अन्य आय | 26 | 27 | 10 |
कुल आय | 4,025 | 3,078 | 1,951 |
सामग्री लागत | 2,620 | 2,126 | 1,611 |
कर्मचारी लाभ व्यय | 74 | 55 | 29 |
वित्तीय लागत | 191 | 116 | 72 |
मूल्यह्रास | 164 | 115 | 15 |
अन्य व्यय | 717 | 523 | 201 |
कुल व्यय | 3,765 | 2,934 | 1,927 |
कर पूर्व लाभ | 259 | 144 | 23 |
कुल कर व्यय | 76 | 40 | 7 |
कर के बाद लाभ | 183 | 103 | 16 |
बुनियादी ईपीएस (₹) | 4.60 | 2.60 | 0.72 |
चुनौतियां और जोखिम
रिपोर्ट में कंपनी के सामने मौजूद कुछ अहम चुनौतियों का भी जिक्र किया गया है. वित्तीय वर्ष 2023 में डेब्टर डेज जहां 62 दिन थे, वहीं 2024 में बढ़कर 82 दिन हो गए हैं. इससे वर्किंग कैपिटल का दबाव बढ़ा है और नकदी प्रवाह पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा, करंट रेश्यो में गिरावट (1.22 से 1.09 तक) ने शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी पर सवाल खड़े किए हैं.
कच्चे माल के दामों में उतार-चढ़ाव, तेल कीमतों की अनिश्चितता और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों ने कंपनी के मार्जिन्स पर भी दबाव डाला है. सस्ते आयातित स्टेनलेस-स्टील प्रोडक्ट्स से मिल रही प्रतिस्पर्धा और सरकार की नीतिगत अनिश्चितताएं भी जोखिम बढ़ाती हैं.
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ब्रोकरेज का फिलहाल न्यूट्रल रुख
बजाज ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्कोडा ट्यूब्स लिमिटेड की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावनाएं ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी सरकारी पहलों से जुड़ी हुई हैं. लेकिन निकट भविष्य में नकदी प्रबंधन, वित्तीय अनुशासन और बाजार की अस्थिरता के कारण चुनौतियां बनी रह सकती हैं. इन्हीं सब पहलुओं को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस ने आईपीओ पर न्यूट्रल रुख अपनाते हुए निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. आर्टिकल में दी जानकारी एक्सपर्ट के अपने निजी विचार हैं. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.