NSE IPO को लेकर क्यों है पागलपन, छोटे निवेशक भी धड़ाधड़ लगा रहे दांव, जानें ऐसा क्या है खास

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का आईपीओ आने वाला है और इससे पहले इसके अनलिस्टेड शेयरों को लेकर बाजार में जबरदस्त हलचल मची है. आखिर क्या है इस बढ़ती मांग के पीछे की वजह? इस खबर में जानिए कैसे रिटेल निवेशक भी इसमें कूद रहे हैं और क्या-क्या हो सकता है आगे.

NSE IPO के लिए क्यों है क्रेज Image Credit: FreePik

NSE IPO: देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का आईपीओ जल्द ही आने वाला है. NSE का IPO सालों से अटका पड़ा था, लेकिन हालिया बोर्ड की मंजूरी और SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) की सख्त निगरानी के बाद, उम्मीद जगी है कि ये जल्द ही खुलेगा. इस खबर के आते ही बाजार में हलचल तेज हो गई है. NSE के अनलिस्टेड शेयरों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और खुदरा निवेशक भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

ऐसे में इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि जो NSE अब तक बाजार में लिस्ट नहीं हुई है और ना ही उसके आईपीओ की तारीख सामने आई है उसके शेयरों को खरीदने के लिए लोगों में इतना पागलपन क्यों है, इतना की बाजार में आने से पहले ही इस शेयर में लाखों लोगों ने दांव लगा दिया है जिसमें बड़े और छोटे निवेशक सभी शामिल हैं.

क्या है NSE के अनलिस्टेड शेयर?

अनलिस्टेड शेयर वो होते हैं जो अभी तक शेयर बाजार (जैसे NSE या BSE) पर लिस्टेड नहीं होते. ये निजी सौदों के जरिए या ‘ग्रे मार्केट’ (गैर-आधिकारिक बाजार) में खरीदे-बेचे जाते हैं. NSE के अनलिस्टेड शेयरों का कारोबार ऐसे ही ब्रोकर और प्लेटफॉर्म्स के जरिए होता है जैसे – Unlisted Zone, Unlisted Arena या फिर निजी निवेशकों के नेटवर्क.

क्यों है NSE के अनलिस्टेड शेयरों का क्रेज?

जब भी किसी बड़ी कंपनी का आईपीओ आने वाला होता है, बाजार में उसकी वैल्यू (मूल्य) बढ़ने की उम्मीद होती है. NSE के आईपीओ की घोषणा ने भी निवेशकों को यही उम्मीद दी है कि इसके शेयर लिस्ट होने के बाद कीमतें और ऊपर जा सकती हैं. इसी वजह से निवेशक पहले ही अनलिस्टेड शेयर खरीदकर फायदा लेना चाहते हैं.

  • अभी NSE के अनलिस्टेड शेयर का दाम 1,775 रुपये से 1,950 रुपये के बीच चल रहा है.
  • इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 4 सालों में अनलिस्टेड शेयरों की कीमत 140 फीसदी तक बढ़ चुकी है.
  • NSE की मार्केट वैल्यू 4.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा आंकी जा रही है.
  • NSE का मुनाफा (FY2024-25) 12,187 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पिछले साल से 47% की बढ़ोतरी.
  • कंपनी ने हाल में 4:1 बोनस इश्यू और 90 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड भी घोषित किया.

ये सारे आंकड़े दिखाते हैं कि NSE के अनलिस्टेड शेयरों में अभी जोश चरम पर है. और यही आंकड़े लोगों को और दांव लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की भी एक बड़ी वजह साबित हो सकती है. इन आंकड़ों के अलवा निवेशकों आने वाले फायदे का लाभ मिलने की उम्मीद में भी निवेश कर रहे हैं.

  • IPO प्रीमियम का फायदा: जब NSE शेयर बाजार में लिस्ट होगा, तो इसकी कीमत और बढ़ सकती है निवेशक इस “लिस्टिंग गेन” को भुनाना चाहते हैं.
  • बोनस और डिविडेंड: जिनके पास अभी ये अनलिस्टेड शेयर हैं, उन्हें लिस्टिंग से पहले ही बोनस शेयर और डिविडेंड का फायदा मिलेगा.
  • भरोसेमंद कंपनी: NSE की कमाई और मुनाफा (74% EBITDA मार्जिन) बहुत मजबूत हैं. इसके पास पर्याप्त नकदी भी है, जिससे निवेशक मानते हैं कि ये कंपनी भविष्य में भी अच्छा रिटर्न दे सकती है.

ग्रे मार्केट में क्या है हलचल?

ग्रे मार्केट में NSE के शेयरों की मांग इतनी बढ़ गई है कि सप्लाई की कमी ने दाम और ऊपर चढ़ा दिए. मार्च 2025 में CDSL के जरिए इलेक्ट्रॉनिक सेटलमेंट शुरू होने से ट्रांसफर प्रक्रिया आसान हुई – पहले जहां महीने लगते थे, अब चंद दिनों में काम हो जाता है.

ET की रिपोर्ट के मुताबिक, अब 1 लाख से ज्यादा निवेशक NSE के अनलिस्टेड शेयरों में दिलचस्पी ले रहे हैं. लेकिन ध्यान रहे ये बाजार पूरी तरह अनियंत्रित है. यहां कोई नियम-कायदा नहीं, कोई “ऑर्डर बुक” या सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं. डील टूटने का खतरा हमेशा रहता है.

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रिस्क भी हैं, सावधान रहें

  • लिक्विडिटी का संकट – अनलिस्टेड शेयरों को बेचना आसान नहीं होता. आपको तभी बेचने का मौका मिलता है जब कोई खरीदार तैयार हो.
  • 6 महीने का लॉक-इन – IPO के बाद भी इन शेयरों को 6 महीने तक बेचा नहीं जा सकता.
  • महंगा सौदा – NSE के अनलिस्टेड शेयर पहले ही BSE जैसे लिस्टेड शेयरों से महंगे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रे मार्केट में कीमतें बहुत ऊंची हो चुकी हैं, जिससे बाद में मुनाफा कम हो सकता है.
  • रेगुलेटरी देरी – IPO की तारीख अभी तय नहीं है. अगर इसमें और देरी हुई, तो निवेशक का पैसा लंबे समय तक फंसा रह सकता है.

BSE के आईपीओ का क्या हुआ था हाल?

2017 में BSE के IPO में भी ऐसा ही जोश था. शेयर लिस्टिंग के दिन ही इश्यू प्राइस से करीब 49 फीसदी ऊपर चले गए. इसके बाद अगले 5 साल में BSE के शेयरों ने 5000 फीसदी तक का रिटर्न दिया. लेकिन इस बीच BSE के शेयरों में भी उतार-चढ़ाव खूब रहे. बोनस इश्यू और दूसरी घोषणाओं ने भाव में अचानक बदलाव लाए. यही वजह है कि निवेशक NSE को लेकर भी उम्मीद लगाए बैठे हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.