अनलिस्टेड NSE में 1 लाख लोगों ने लगा दिया दांव, जानें IPO खुलने से पहले कंपनी में कैसे करें निवेश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे लेकर बाजार में हलचल तेज हो गई है. सेबी के बयान के बाद निवेशकों में उत्सुकता और भी बढ़ गई है. जानिए वो बात जो NSE के शेयरों को लेकर हर आम और खास को जाननी चाहिए.

आईपीओ खुलने से पहले कैसे करें निवेश Image Credit: FreePik

भारत के सबसे बड़े और प्रभावशाली शेयर बाजार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आईपीओ का इंतजार निवेशकों को लंबे वक्त से है. इस लंबे इंतजार को अब हरी झंडी के संकेत मिलने लगे हैं, IPO जल्द ही निवेशकों के सामने पेश हो सकता है. संकेत मिल रहे हैं कि , का IPO जल्द ही निवेशकों के सामने पेश हो सकता है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने हाल ही में संकेत दिया कि NSE का बहुप्रतीक्षित आईपीओ जल्द ही सेबी की मंजूरी पा सकता है. IPO आने से पहले ही निवेशकों ने कंपनी में पैसे निवेश करने शुरू कर दिए है. अबतक करीब एक लाख लोगों ने इस अनलिस्टेड कंपनी में इन्वेस्ट किया है जिससे यह देश की सबसे अधिक शेयरधारकों वाली अनलिस्टेड कंपनी बन गई है.

तुहिन कांत पांडे ने कहा, “NSE के आईपीओ को लेकर बाजार में गहरी उत्सुकता है. हम इसके प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और यह जल्द ही आगे बढ़ सकता है.”

2016 से ही पाइपलाइन में है NSE IPO

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का आईपीओ 2016 से ही पाइपलाइन में है लेकिन तकनीकी, कानूनी और नियामकीय अड़चनों के चलते यह अब तक टलता रहा है. बावजूद इसके, NSE में निवेश को लेकर रिटेल निवेशकों से लेकर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स और फैमिली ऑफिसेज तक में जबरदस्त रुचि देखी गई है. लोग पहले सिर्फ लिस्टेड कंपनियों जैसे टाटा, रिलायंस, आदि में निवेश करते थे, लेकिन अब कई लोग उन कंपनियों में भी पैसा लगा रहे हैं जो अभी शेयर बाजार में नहीं आई हैं, जैसे NSE, टाटा कैपिटल और फार्मईजी.

अब आम लोग भी इन अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश करने लगे हैं जो पहले सिर्फ अमीर निवेशकों और कंपनियों तक सीमित था.

अनलिस्टेड शेयर क्या होते हैं और इन्हें कैसे खरीदें?

अनलिस्टेड शेयर वो होते हैं जो अभी शेयर बाजार (जैसे NSE या BSE) पर नहीं बिकते. इन शेयरों को खरीदने के लिए आपको किसी खास प्लेटफॉर्म या ब्रोकर से संपर्क करना होता है. शेयर खरीदने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट होना चाहिए. फिर आप उन प्लेटफॉर्म्स पर जा सकते हैं जो अनलिस्टेड शेयर बेचते हैं, जैसे UnlistedZone, Planify, Altius Investech आदि.

आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड और डिमैट की जानकारी देनी होगी. शेयर की कीमतें अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर अलग हो सकती हैं, इसलिए थोड़ा रिसर्च करना जरूरी है. जब सौदा तय हो जाए तो एक शेयर खरीदने का एग्रीमेंट साइन (Share Purchase Agreement)किया जाता है और पेमेंट का प्रूफ जरूर संभालकर रखना चाहिए.

IPO से पहले खरीदे गए शेयरों को तुरंत नहीं बेच सकते

अगर आपने NSE के IPO से पहले उसके शेयर खरीद लिए, तो शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद भी आप उन्हें तुरंत नहीं बेच सकते. सेबी के नियमों के अनुसार, लिस्टिंग के बाद 6 महीने का लॉक-इन पीरियड होता है यानी आपको कम से कम 6 महीने रुकना होगा.

अनलिस्टेड शेयरों में निवेश के खतरे

Cleartax की रिपोर्ट के मुताबिक इन शेयरों में निवेश करना जितना आकर्षक लगता है, उतना आसान नहीं है. कुछ खास खतरे हैं जिन्हें आपको समझना चाहिए:

  • कीमत तय करना मुश्किल होता है, क्योंकि हर प्लेटफॉर्म पर अलग दाम हो सकते हैं. इससे नुकसान हो सकता है.
  • इन कंपनियों की वित्तीय जानकारी पब्लिक नहीं होती, जिससे सही जानकारी मिलना मुश्किल होता है.
  • जब आप शेयर बेचना चाहें, तो खरीदार मिलना मुश्किल हो सकता है.
  • इन शेयरों को बेचने पर टैक्स ज्यादा लगता है, अगर आपने दो साल से कम समय में उन्हें बेचा हो.
  • इसके अलावा, बाजार में भरोसेमंद लोगों के जरिए ही सौदा करना चाहिए, नहीं तो धोखा होने का खतरा रहता है.

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निवेश करें या नहीं?

अगर आप अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो सोच-समझकर कदम उठाएं. पोर्टफोलियो का छोटा हिस्सा ही इसमें लगाएं, और किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. इस तरह आप खतरे को कम कर सकते हैं और एक अच्छा मौका भी पकड़ सकते हैं.