Shringar Mangalsutra IPO: पहले ही दिन हुआ ओवर सब्सक्राइब, GMP भी दे रहा लिस्टिंग गेन के संकेत

Shringar House of Mangalsutra IPO को पहले दिन निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है. ग्रे मार्केट में भी निवेशक अच्छे खासे प्रीमियम पर इसके शेयरों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इस तरह GMP भी लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा है.

Shringar House of Mangalsutra Image Credit: Canva

Shringar House of Mangalsutra का IPO शुरू होते ही निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. 10 सितंबर को खुले इस इश्यू को पहले ही दिन 2.01 गुना सब्सक्राइब किया गया. खासकर रिटेल निवेशकों और कर्मचारियों ने इस इश्यू में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है. इसके अलावा ग्रे मार्केट में भी कंपनी के शेयरों को लेकर निवेशकों में उत्साह दिख रहा है.

सब्सक्रिप्शन में रिटेल निवेशकों का दबदबा

सब्सक्रिप्शन डाटा की बात करें, तो रिटेल निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है. कुल 84,98,000 शेयरों के मुकाबले 2,40,47,370 शेयरों की बोली लगाई गई, यानी 2.83 गुना सब्सक्रिप्शन किया है. वहीं, कर्मचारियों की श्रेणी में 20,000 शेयरों के मुकाबले 1,79,460 शेयरों की बोली लगी है. इस तरह 8.97 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ है. वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की तरफ से भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला. इस कैटेगरी में 36,42,000 शेयरों के मुकाबले 98,45,190 की बोली लगी, यानी 2.70 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ है. वहीं, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल ने केवल 0.01 गुना सब्सक्रिप्शन किया है.

कैटेगरीरिजर्व शेयरशेयरों के लिए बोलीसब्सक्रिप्शन (गुना)
क्यूआईबी48,56,00064,3500.01x
एनआईआई36,42,00098,45,1902.70x
रिटेल84,98,0002,40,47,3702.83x
एम्प्लोयी20,0001,79,4608.97x
कुल1,70,16,0003,41,36,3702.01x

GMP भी दिखा रहा लिस्टिंग के संकेत

ग्रे मार्केट प्रीमियम लगातार निवेशकों के बीच इस इश्यू की लोकप्रियता का संकेत दे रहा है. इन्वेस्टरगेन के डाटा के मुताबिक 3 सितंबर को GMP शून्य था, लेकिन उसके बाद लगातार इसमें इजाफा देखने को मिला. 10 सितंबर शाम 7 बजे तक GMP 29 पहुंच गया. इसका मतलब है कि निवेशकों को लिस्टिंग पर लगभग 17.58 फीसदी तका लिस्टिंग गेन मिल सकता है. अगर पिछले दिनों के ट्रेंड की बात करें तो, 9 सितंबर को GMP 30 रुपये रहा. 8 सितंबर को 25 रुपये, 7 सितंबर को 24 और 5 सितंबर को 20 रुपये रहा. इससे साफ है कि निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है और लिस्टिंग से पहले इस इश्यू को लेकर उत्सुकता बढ़ी है.

कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत

Shringar House of Mangalsutra का कारोबार न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी मजबूत पकड़ बना चुका है. कंपनी के प्रोडक्ट भारत के 24 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में बेचे जा रहे हैं. इसके साथ ही अमेरिका, न्यूजीलैंड, UAE, ब्रिटेन और फिजी जैसे देशों में भी इसकी पहुंच है. कंपनी का बिजनेस मॉडल रेवेन्यू के कई स्रोतों पर आधारित है. होलसेल जूलर्स को सप्लाई देने के साथ-साथ कंपनी खुद के रिटेल स्टोर के जरिये सीधे ग्राहकों तक पहुंचती है. इसके अलावा कंपनी ने 22 डिजाइनरों और 166 कारीगरों की टीम बनाकर इन-हाउस डिजाइनिंग की सुविधा भी विकसित की है.

कंपनी के बड़े क्लाइंट्स और नेटवर्क

कंपनी के पास कुल 34 कॉर्पोरेट क्लाइंट्स हैं. इनमें मालबार गोल्ड, टाइटन, रिलायंस रिटेल, नोवल जूल्स, पीएन गाडगिल और UAE की दमास जूलर्स जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इसके अलावा कंपनी से 1,089 होलसेलर्स जुड़े हैं और 81 रिटेलर्स अपने ग्राहकों तक इसके प्रोडक्ट पहुंचा रहे हैं. यह नेटवर्क कंपनी के कारोबार की मजबूती और विस्तार की क्षमता को दर्शाता है.

कहां होगा IPO की रकम का इस्तेमाल

कंपनी का कारोबार कैपिटल इंटेसिव है. उसे गोल्ड खरीदने के लिए तुरंत भुगतान करना पड़ता है, जबकि ग्राहकों को उत्पाद उधार 15 से 20 दिनों के लिए दिए जाते हैं. ऐसे में वर्किंग कैपिटल की जरूरत बढ़ जाती है. IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कंपनी अपने प्रोडक्ट वॉल्यूम और ऑपरेशन स्केल को बढ़ाने में करेगी ताकि विस्तार योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके.

वैल्यूएशन आकर्षक

SBI Securities का मानना है कि कंपनी अगर अपने ग्रोथ प्लान को सफलतापूर्वक लागू कर लेती है तो ऑर्गेनाइज्ड और अनऑर्गेनाइज्ड दोनों ही बाजारों में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी. इससे कंपनी के रेवेन्यू और बिजनेस पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. FY25 के लिए 26x PE वैल्यूएशन पर कंपनी का इश्यू आकर्षक माना जा रहा है. अपर प्राइस बैंड 165 पर कंपनी का मार्केट कैप 1495 से 1591 करोड़ के बीच आंका गया है.

क्या हैं रिस्क फैक्टर

सबसे बड़ा जोखिम क्लाइंट्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने का खतरा है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग में विविधता की कमी है, जिससे ऑपरेशन में बाधाएं आ सकती हैं. इसके अलावा कंपनी अपनी क्षमता का 70% उपयोग कर रही है, ऐसे में अचानक डिमांड बढ़ने पर प्रोडक्शन बढ़ाना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भी बिजनेस पर देखने को मिल सकता है.

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डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.