Vikran Engineering IPO: NTPC है क्लांइट, अगले सप्ताह खुलेगा 772 करोड़ का इश्यू, SBI Securities ने किया रिव्यू, जानें क्या कहा?
Vikran Engineering पावर व वॉटर EPC सेक्टर की तेजी से बढ़ती कंपनी है. बाजार भारतीय शेयर बाजार से 772 करोड़ जुटाने के लिए IPO ला रही है. सब्सक्रिप्शन 26 से 29 अगस्त तक खुला रहेगा. इसके लिए प्राइस बैंड 92-97 रुपये तय किया गया है. SBI Securities ने इसका रिव्यू किया है. जानते है ब्रोकरेज नोट में क्या कहा गया है?

पावर, वॉटर और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी से उभर रही Vikran Engineering अब भारतीय शेयर बाजार में कदम रखने जा रही है. कंपनी का 772 करोड़ रुपये का IPO 26 अगस्त, 2025 को खुलेगा और 29 अगस्त 2025 को बंद होगा. इस इश्यू का प्राइस बैंड 92-97 प्रति शेयर तय किया गया है. IPO में 51 करोड़ ऑफर फॉर सेल (OFS) से और 721 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू से जुटाए जाएंगे. इश्यू से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और जनरल कॉरपोरेट कामकाज में किया जाएगा.
कंपनी का बिजनेस मॉडल
Vikran Engineering एक एसेट-लाइट EPC कंपनी है, जो पावर ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन, वॉटर सप्लाई सिस्टम, स्मार्ट मीटरिंग और रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन जैसे सेक्टर में काम करती है. FY23-25 के दौरान कंपनी ने 32% से ज्यादा की CAGR से ग्रोथ दर्ज की है. FY25 में कंपनी का राजस्व 916 करोड़ रुपये रहा और EBITDA 160 करोड़ रहा. इसके अलावा PAT 78 करोड़ रिपोर्ट किया है.
ऑर्डर बुक और क्लाइंट्स
जून 2025 तक कंपनी ने देश के 14 राज्यों में 45 प्रोजेक्ट पूरे किए है. इसके अलावा 16 राज्यों में 44 प्रोजेक्ट पर काम जारी है. कंपनी की ऑर्डर बुक का साइज 2,442 करोड़ रुपये का है, जो FY25 की बिक्री का 2.7 गुना है. कंपनी के प्रमुख क्लाइंट्स में NTPC, Power Grid, MP Power Transmission, Eastern Railway और कई राज्य सरकारें हैं.
वैल्यूएशन और फाइनेंशियल्स
FY25 के आधार पर Vikran Engineering का वैल्यूएशन 32.1x P/E पर है. वहीं, EV/EBITDA 12.4x पर है, जो अपेक्षाकृत ऊंचा माना जा सकता है. इसके अलावा कंपनी ने EBITDA मार्जिन 17.5% और PAT मार्जिन 8.5% रिपोर्ट किया है, जिससे ऑपरेशनल दक्षता मजबूत दिखती है. लेकिन, रिटर्न रेश्यो में गिरावट हुई है, जिससे RoE घटकर 16.6% और RoCE 22.1% पर आ गया है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि कंपनी का कैश फ्लो नेगेटिव है और इसकी फंडिंग जरूरतें मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल पर निर्भर करती हैं, जिससे लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ सकता है.
क्या हैं रिस्क फैक्टर्स?
Vikran Engineering के लिए सबसे बड़ा जोखिम इसकी टेंडर-निर्भरता है, जहां करीब 80% रेवेन्यू सरकारी और PSU कॉन्ट्रैक्ट्स से आता है, जिससे नीतिगत बदलाव या टेंडर में देरी से बिजनेस प्रभावित हो सकता है. इसके अलावा, रेलवे बोर्ड ने 2024 में कंपनी पर दो साल का बैन की सिफारिश की थी, जिसका असर भविष्य की बिडिंग और नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर पड़ सकता है. इसके साथ ही कंपनी पर वर्किंग कैपिटल का लगातार दबाव है और EPC सेक्टर की तीव्र प्रतियोगिता में मार्जिन पर दबाव बढ़ने का खतरा बना रहता है.
क्या है SBI Securities की राय?
SBI Securities ने इस IPO पर Neutral रेटिंग दी है और कहा है कि कंपनी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन लिस्टिंग के बाद इसके परफॉर्मेंस को पीयर कंपनियों जैसे Kalpataru Projects, KEC International और Transrail Lighting से तुलना करके देखना बेहतर होगा.
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