Vishal Mega Mart का 11 दिसंबर को खुलेगा IPO, निवेश से पहले जान लें कंपनी का बही-खाता
सुपरमार्ट दिग्गज विशाल मेगा मार्ट भी अपना आईपीओ बाजार में उतारने जा रहा है. यह 11 दिसंबर से बोली के लिए खुलेगा. 8,000 करोड़ रुपये के इस आईपीओ को लेकर निवेशक अभी से काफी बेकरार हैं.
Vishal Mega Mart IPO: हुंडई मोटर इंडिया और स्विगी की तरह एक और बड़ा आईपीओ जल्द ही बाजार में दस्तक देने वाला है, जिसका नाम है विशाल मेगा मार्ट. 8,000 करोड़ रुपये का ये आईपीओ 11 दिसंबर से खुलेगा, जिसमें निवेशक 13 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे. कंपनी की ओर से दाखिल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के मुताबिक यह आईपीओ एंकर निवेशकों के लिए 10 दिसंबर को खुलेगा, ऐसे में निवेशकों के लिए कमाई का एक बेहतर मौका हो सकता है.
सुपरमार्ट दिग्गज विशाल मेगा मार्ट के इस आईपीओ का निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, हालांकि कंपनी ने अभी आईपीओ के प्राइस बैंड की घोषणा नहीं की है. अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) के अनुसार कंपनी के इस आईपीओ में पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस शेयरों की पेशकश होगी. शेयर, प्रमोटर समय सर्विसेज एलएलपी की ओर से बेचे जाएंगे. आईपीओ में इक्विटी शेयरों का कोई नया इश्यू नहीं होगा. आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस है, इसलिए आईपीओ से मिलने वाली रकम शेयरधारक के पास जाएगी. विशाल मेगा मार्ट के आईपीओ से संबंधित दस्तावेज को 25 सितंबर को सेबी ने मंजूरी दी थी, जिसके बाद कंपनी ने अक्टूबर में अपडेटेड ड्राफ्ट फाइलिंग दाखिल की थी.
क्या करती है कंपनी?
विशाल मेगामार्ट देश में मिडिल और लोअर-मिडिल इनकम वाले ग्राहकों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है यानी एक ही छत के नीचे आपको यहां कपड़े और जूते से लेकर बर्तन आदि मिल जाएंगे. कंपनी के प्रोडक्ट चेन में इन-हाउस और थर्ड-पार्टी ब्रांड दोनों शामिल हैं. यह मुख्य रूप से तीन कैटेगरीज में अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है, जिनमें अपैरल, जनरल आइटम और फास्ट-मूविंग कंज्यूमर आइटम (FMCG) शामिल हैं. 30 जून, 2024 तक पूरे भारत में इसके 626 स्टोर हैं, जो ऐप और वेबसाइट से भी ऑपरेट होते हैं.
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कौन हैं विशाल मेगा मार्ट के मालिक?
राम चंद्र अग्रवाल विशाल मेगा मार्ट के मालिक हैं. उन्होंने इसकी शुरुआत कोलकाता में एक छोटे से गारमेंट स्टोर से की थी. उन्होंने अपने दूरदर्शी उद्यमी नजरिये से एक साधारण बिजनेस को देश भर में एक मुकाम पर पहुंचा दिया. देखते ही देखते 1100 करोड़ के बिजनेस में तब्दील कर दिया, लेकिन व्यापार की गतिशील दुनिया में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखें. बिजनेस बढ़ाने की चाहत में उनका काम ठप पड़ने लगा, नतीजतन उन्हें यह विशालकाय कंपनी बेचनी पड़ी, लेकिन राम चंद्र अग्रवाल ने हार नहीं मानी. उन्होंने बची हुई जमापूंजी से दोबारा वी टू रिटेल नाम से कंपनी खोली और जल्द ही इसे 800 करोड़ की कंपनी बना दी.