SEBI ने लॉन्च किया Mitra प्लेटफार्म, अब इनएक्टिव म्युचुअल फंड का पता लगाना होगा आसान, ये है प्रोसेस
SEBI ने निवेशकों की सुविधा के लिए Mitra प्लेटफार्म लॉन्च किया है. यह Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant एक डिजिटल सुविधा है, जिसके जरिए निवेशक, नॉमिनी या कानूनी वारिस अपने भूले हुए या इनएक्टिव म्युचुअल फंड निवेश को खोज और क्लेम कर सकते हैं. पहले कई लोग पैन लिंक न होने या परिवारजन की मृत्यु के बाद निवेश ट्रैक नहीं कर पाते थे.

Mitra Platform Mutual Fund: अगर आपके या आपके परिवार के पुराने म्युचुअल फंड निवेश का पता नहीं चल पा रहा है तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. सेबी ने एक नया डिजिटल प्लेटफार्म लॉन्च किया है जिसका नाम है Mitra यानी Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant. इस प्लेटफार्म की मदद से निवेशक, नॉमिनी या लीगल हेयर अपने भूले हुए या अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड फोलियो को आसानी से खोज सकेंगे. यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और उनके अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
क्या है Mitra प्लेटफार्म
Mitra एक सेंट्रलाइज डिजिटल प्लेटफार्म है जिसे म्युचुअल फंड हाउस और उनके रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स यानी RTAs ने मिलकर बनाया है. यहां निवेशक या उनके वारिस यह जांच सकते हैं कि उनके पास कोई पुराना या अनक्लेम्ड निवेश है या नहीं. यह प्लेटफार्म प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाता है ताकि सही मालिक को उसका निवेश वापस मिल सके.
क्यों लॉन्च किया गया Mitra
कई बार निवेशक अपना पुराना निवेश ट्रैक नहीं कर पाते क्योंकि उनके कॉन्ट्रैक्ट डिटेल बदल जाते हैं या PAN नंबर फोलियो से लिंक नहीं होता. कई मामलों में अकाउंट स्टेटमेंट खो जाते हैं या परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उनके निवेश की जानकारी नहीं मिल पाती. इनएक्टिव फोलियो धोखाधड़ी की संभावना बढ़ा देते हैं और अनक्लेम्ड डिविडेंड निवेशक फंड में ट्रांसफर हो जाता है. जिसे निवेशक को वापस पाने के लिए बहुत ही मशक्कत करनी पड़ती है.
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निवेशकों के लिए फायदे
Mitra प्लेटफार्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि निवेशकों को अपने पुराने निवेश ढूंढने के लिए अलग-अलग जगह भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. यह एक सेंट्रालाइज सुविधा है जो समय बचाने के साथ-साथ धोखाधड़ी की संभावनाओं को भी कम करती है. इससे निवेशक या उनके परिवारजन आसानी से अपने अधिकार का क्लेम कर सकेंगे.
कैसे काम करेगा
- सर्चेबल डेटाबेस: निवेशक, नॉमिनी या कानूनी वारिस प्लेटफार्म पर लॉगिन करके अपने भूले हुए या इनएक्टिव म्युचुअल फंड फोलियो खोज सकते हैं.
- इनएक्टिव फोलियो की पहचान: पिछले 10 साल में कोई ट्रांजैक्शन न होने वाले फोलियो को इनएक्टिव माना जाएगा, लेकिन उसमें यूनिट बैलेंस मौजूद रहेगा.
- होस्टिंग और एक्सेस: प्लेटफार्म CAMS और KFin Technologies द्वारा होस्ट होगा और MF Central, AMCs, AMFI, RTAs और SEBI की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा.
- सेफ्टी और ऑडिट: SEBI के साइबर सिक्योरिटी और सिस्टम ऑडिट नियमों के अनुसार प्लेटफार्म सुरक्षित रहेगा, साथ ही Disaster Recovery और BCP लागू होंगे.
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