स्मॉल-कैप vs मिड-कैप vs लार्ज-कैप: 10 साल में किस कैटेगरी के फंड ने दिया सबसे अधिक रिटर्न, कौन बना मार्केट हीरो?

Mutual Fund Returns: हालांकि, जिन लोगों ने लॉन्ग टर्म तक निवेश बनाए रखा, उन्हें इसका फायदा मिला. जिन लोगों ने इक्विटी फंड की तीन प्रमुख कैटेगरी- लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप में निवेश किया, उन्हें रिटर्न और रिस्क के अलग-अलग स्तर का अनुभव हुआ. मतलब है कि जिसने ज्यादा रिक्स उठाया, उसे लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न भी मिला.

म्यूचुअल फंड रिटर्न. Image Credit: Getty image

Mutual Fund Returns: पिछले 10 साल म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बेहद अहम रहे हैं. इस दौरान शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ तेजी का दौर भी देखने को मिला. हालांकि, जिन लोगों ने लॉन्ग टर्म तक निवेश बनाए रखा, उन्हें इसका फायदा मिला. जिन लोगों ने इक्विटी फंड की तीन प्रमुख कैटेगरी- लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप में निवेश किया, उन्हें रिटर्न और रिस्क के अलग-अलग स्तर का अनुभव हुआ. आंकड़े बताते हैं कि 10 साल में स्मॉल-कैप फंड्स ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. मिड-कैप फंड भी पीछे नहीं रहे. दूसरी ओर, लार्ज-कैप फंडों ने अपेक्षाकृत कम रिटर्न दिया, फिर भी उनका प्रदर्शन स्थिर रहा. इसका साफ मतलब है कि जिसने ज्यादा रिक्स उठाया, उसे लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न भी मिला.

स्मॉल-कैप कैटेगरी

इस कैटेगरी के टॉप 5 फंड (डायरेक्ट प्लान) ने 10 वर्षों में 20 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है.

मिड-कैप कैटेगरी

मिड-कैप फंड (डायरेक्ट प्लान) ने 10 वर्षों में लगभग 19% से 20% का रिटर्न दिया है.

लार्ज-कैप कैटेगरी

लार्ज-कैप फंड (डायरेक्ट प्लान) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और टॉप 5 फंडस ने 15% से 16% तक का रिटर्न दिया.

(डेटा स्रोत: वैल्यू रिसर्च)

स्मॉल-कैप फंड- रिटर्न का बड़ा अवसर, लेकिन सबसे अधिक जोखिम भी होता है. बाजार में गिरावट के दौरान इन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है.

मिड-कैप फंड- बैलेंस कैटेगरी, जिसमें ग्रोथ की संभावनाएं भी अच्छी होती हैं और जोखिम स्मॉल-कैप फंड से कम होता है.

लार्ज-कैप फंड- स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प माने जाते हैं. इनमें जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन अन्य श्रेणियों की तुलना में रिटर्न भी सीमित होता है.

डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.