कमाल की स्कीम है एसडब्ल्यूपी जिससे हर महीने मिलते हैं पैसे, ऐसे उठाएं फायदा
एसआईपी से जिस तरह तय अवधि पर तय राशि का निवेश होता है उससे विपरित एसडब्ल्यूपी से तय तारीख को तय राशि निवेशक के खाते में क्रेडिट हो सकता है. जानिए क्या है एसडब्ल्यूपी

म्युचुअल फंड में निवेश का एक सशक्त जरिया है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी. इसके जरिए हम निश्चित समयांतराल पर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. सिस्टेमेटिक विथड्रावल प्लान (एसडब्ल्यूपी) ठीक इसका विपरीत है. इसका मतलब है कि हम म्यूुचअल फंड में एकमुश्त निवेश करते हैं और एक तय राशि निश्चित तारीख को निकालते हैं. आम तौर पर किसी भी एलिजिबल म्यूचुअल फंड में आप एसडब्ल्यूपी कर सकते हैं. इसकी मदद से आप अपने निवेश में से कुछ पैसे निकाल सकते हैं. बाकी जो पैसे निवेश में बने हुए हैं उन पर बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुसार नफा-नुकसान होता रहेगा.
कैसे करें एसडब्ल्यूपी?
अगर आप म्यूचुअल फंड्स या इक्विटी में निवेश करते हैं तो आसानी से एसडब्ल्यूपी शुरू कर सकते हैं. शुरूआत करने के लिए आपको फोलियो नंबर, पैसे निकालने की अवधि, बैंक अकाउंट नंबर और पहली निकासी की तारीख बतानी होगी. आखिर में आपको केवल एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा. बस, हो गया काम. अब हर महीने की तय तारीख को आपके अकाउंट में तय राशि मिलती रहेगी. इस स्कीम की मदद से निवेशकों को हर महीने एक निश्चित रकम मिलती रहेगी.
एसआईपी में ‘रूपी कॉस्ट एवरेजिंग’ का महत्व
म्यूचुअल फंड के क्षेत्र में एक टर्म है, रूपी कॉस्ट एवरेजिंग (आरसीए). एसडब्लूपी एक्टिव करने से आरसीए पर असर पड़ सकता है. असर समझने से पहले आरसीए को जान लेते हैं. आरसीए निवेश करने की रणनीति है जिसकी मदद से निवेशक लगातार एक तय राशि किसी एसेट्स में लगा सकता है. ये करने का मकसद किसी शेयर के दाम कम होने वाली स्थिति में ज्यादा यूनिट्स और बढ़ने की स्थिति में कम यूनिट खरीदना होता है. तय अवधि पर निवेशक के खाते में एसआईपी में निवेश किए गए राशि के बदले पैसे क्रेडिट हो रहे हैं. साथ ही जिस यूनिट के बदले पैसे क्रेडिट हो रहे हैं उसके यूनिट का दाम कितना है. पर यूनिट का दाम अगर कम है तो निवेशक के खाते में तय राशि के बदले ज्यादा यूनिट्स कटेंगे वहीं अगर यूनिट का दाम ज्यादा है तो तय राशि के बदले कम यूनिट कटेंगे. एसआईपी खरीदते वक्त निवेशक चाहता है कि यूनिट का दाम कम हो ताकि ज्यादा यूनिट्स आ सकें लेकिन एसडब्ल्यूपी के वक्त निवेशक यूनिट्स के दाम में बढ़ोत्तरी चाहता है जिससे उसके यूनिट्स बचे रह सकें.
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