म्‍यूचुअल फंड के जरिये कीजिए चांदी में निवेश, बढ़ती कीमतों से होगा मुनाफा

हम आपको सोना-चांदी के जोखिमों से बचाने के उपाय बताएंगे. उपाय का नाम है सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (सिल्‍वर ईटीएफ). इके जरिये आप सिल्वर की खरीदारी म्‍यूचुअल फंड के तौर पर आसानी से कर सकते हैं.

सिल्वर ईटीएफ Image Credit: Freepik

आज के समय में सोना-चांदी खरीदने के लिए तो हिम्मत चाहिए ही. साथ ही उसको सुरक्षित रखना भी बड़ा चैलेंज है. आमतौर पर सोना-चांदी को घर पर रखना जोखिम भरा होता है, इसीलिए कई खरीदार इन्हें बैंक के लॉकर में रखते हैं. उसके बदले भारी भरकम चार्ज अलग से लगता है. हम आपको सोना-चांदी के जोखिमों से बचाने के उपाय बताएंगे. उपाय का नाम है सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (सिल्‍वर ईटीएफ). इके जरिये आप सिल्वर की खरीदारी म्‍यूचुअल फंड के तौर पर आसानी से कर सकते हैं. सिल्वर ईटीएफ को जानने से पहले ईटीएफ को समझते हैं.

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड क्या है?

ईटीएफ एक प्रकार का निवेश है जो शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए खरीदा और बेचा जाता है. इसके जरिये निवेशक स्टॉक या बॉन्ड्स की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं. ईटीएफ, म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करता है सिवाय इसके कि ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी समय बेचा जा सकता है. ईटीएफ कई प्रकार के होते हैं, गोल्ड ईटीएफ, कमोडिटी ईटीएफ, करेंसी ईटीएफ, आदि.

सिल्वर ईटीएफ क्या होता है?

सिल्वर ईटीएफ म्‍यूचुअल फंड का एक प्रकार है. इसके जरिये निवेशक चांदी में निवेश कर सकते हैं. यह चांदी के मौजूदा भाव को ट्रैक कर रहा होता है. इसके साथ ही मार्केट में जिस तेजी से चांदी का दाम बढ़ेगा या घटेगा उसी तेजी से ईटीएफ के नेट असेट वैल्यू (एनएवी) में भी बदलाव देखने को मिलेगा. ईटीएफ के फंड मैनेजर चांदी खरीदते हैं और उसे सुरक्षित वाल्ट्स में रखते हैं. सेबी इन ईटीएफ पर निगरानी रखता है. फंड मैनेजर की जिम्मेदारी होती है कि वो तय अंतराल में वॉल्ट में रखी सिल्वर की फिजिकल ऑडिट करवाता रहे.

सिल्वर ईटीएफ की कई विशेषताएं हैं-

ईटीएफ के जरिए किए गए चांदी में निवेश को लेकर निवेशक को चिंता करने की जरूरत नहीं होती है. उसकी शुद्धता 99.99 फीसदी होती है. साथ ही उसको सुरक्षित वाल्ट्स में रखा जाता है.

बैंक की तिजोरियों के विपरित ईएफटी सिल्वर में कोई चार्ज नहीं लगता है. निवेश किए सिल्वर का रख-रखाव और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी भी फंड हाउस की होती है.

निवेशक इस तरह के अलग-अलग ईटीएफ में निवेश कर के अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. चूंकि सिल्वर ईटीएफ कम रिस्क वाला एसेट है. इससे निवेशक के पैसे कई क्षेत्रों में बंट सकता है.

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